आगरा और काशी की तरह लखनऊ को भी अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन गन्तव्य के रूप में ख्याति दिलाने के लिए परियोजना तैयार के निर्देश अधिकारियों दिये गए हैं। आगरा और काशी में पहले से ही देशी-विदेशी पर्यटकों का आवागमन होता रहता है, इसी तर्ज पर लखनऊ को भी पर्यटन का हब बनाने की तैयारी है। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि, राजधानी में शहीद पथ के निकट संस्कृति मुख्यालय की स्थापना की जायेगी। इस संस्कृति भवन में संस्कृति विभाग के अधीन आने वाली निदेशालयों के कार्यालयों को शिफ्ट किया जायेगा। उन्होंने संस्कृति विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि भूमि की व्यवस्था के लिए प्रक्रिया शुरू करें। उन्होंने कहा कि भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय के नए परिसर को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जाएगा। इसके अलावा राजधानी में पर्यटन एवं संस्कृति पार्क विकसित किया जाएगा। इस पार्क में पर्यटन और संस्कृति से जुड़ी वस्तुओं को प्रदर्शित किया जाएगा। इसकी शुरूआत 17 नगर निगमों के अधीन आने वाले पार्कों से होगी। मंत्री ने बताया कि, लखनऊ भ्रमण करने वाले लोगों को किफायती रेट पर टिकट प्रदान किया जायेगा। इस बस का शुभारंभ पर्यटन मंत्री 06 जनवरी को 1090 चौराहे से हरी झंडी दिखाकर करेंगे। लखनऊ दर्शन का उद्देश्य पर्यटकों तथा श्रद्धालुओं को आकर्षित करके लखनऊ को एक नये डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करना है। पर्यटन मंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि अधिकारियों को फाइलें विलंब करने की पुनरावृत्ति छोड़नी पड़ेगी। उन्होंने संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए आवंटित धनराशि के सापेक्ष व्यय की अद्यतन स्थिति की बिन्दुवार समीक्षा की। उन्होंने हरदोई, एटा, अलीगढ़, चित्रकूट, पीलीभीत, फिरोजाबाद, मैनपुरी आदि के रामलीला मैदानों के सौन्दर्यीकरण आदि की समीक्षा की। इसके अलावा रायबरेली, बदायू, कन्नौज, चित्रकूट, लखनऊ में निर्माणाधीन सांस्कृतिक केन्द्रों की समीक्षा की।
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