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“रोहित की आक्रामकता और टीम की कड़ी मेहनत से मिली ऐतिहासिक जीत”

भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने दूसरे टेस्ट में ड्रॉ के बजाय जीत के लिए हर संभव जोखिम उठाने का निर्णय लिया, भले ही टीम पहली पारी में 100 रनों पर सिमट जाए। यह आक्रामक मानसिकता न केवल भारत को टेस्ट क्रिकेट में नया रिकॉर्ड स्थापित करने में मददगार साबित हुई, बल्कि टीम को तीसरी बार लगातार विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल के और करीब ले गई।

चेन्नई में खेले गए पहले टेस्ट में भारत ने बांग्लादेश को 280 रनों से करारी शिकस्त दी। इस जीत के बाद दूसरे टेस्ट में भी ऐसे ही दबदबे की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन कानपुर में मौसम ने बाधा उत्पन्न कर दी। पहले तीन दिनों में केवल 35 ओवर का खेल संभव हुआ, जिसमें दूसरा और तीसरा दिन पूरी तरह बारिश की भेंट चढ़ गया।

भारत के पास इस टेस्ट मैच में परिणाम हासिल करने के लिए केवल दो दिन और अधिकतम 196 ओवर थे। बांग्लादेश का स्कोर 107/3 था और खेल के चौथे दिन का पहला कार्य बांग्लादेश की पारी को जल्द से जल्द समेटना था। हालांकि यह आसान नहीं था। बांग्लादेश के पूर्व कप्तान मोमिनुल हक ने 13वां टेस्ट शतक जमाया, लेकिन जसप्रीत बुमराह और रविचंद्रन अश्विन की शानदार गेंदबाजी के चलते बांग्लादेश की टीम 233 रनों पर ढेर हो गई।

भारत ने पहली पारी में टी20 मोड में बल्लेबाजी करते हुए 34.4 ओवर में 285 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। बांग्लादेश की दूसरी पारी में भी बल्लेबाज लंच तक टिक नहीं पाए, और भारत ने दूसरी ही सत्र में मैच समाप्त कर दिया।

मैच के बाद की प्रस्तुति में रोहित शर्मा ने कहा, “जब हमने ढाई दिन खो दिए, तब चौथे दिन हमने सोचा कि पहले उन्हें जल्दी आउट करें और फिर बल्लेबाजी में जितने भी ओवर मिल सकें, उसका पूरा फायदा उठाएं। जब वे 230 रनों पर आउट हुए, तब हमारे लिए रन नहीं, बल्कि बचे हुए ओवर मायने रखते थे। उस पिच पर मैच निकालना वाकई शानदार प्रयास था।”

रोहित ने आगे कहा, “यह एक जोखिम था जिसे हम लेने के लिए तैयार थे, क्योंकि इस तरह से बल्लेबाजी करने पर आप कम स्कोर पर आउट हो सकते हैं, लेकिन हम इसके लिए भी तैयार थे, भले ही हम 100-120 रनों पर आउट हो जाते।”

यह भारत की घरेलू मैदान पर लगातार 18वीं सीरीज जीत थी, और इस जीत में नए खिलाड़ियों के योगदान से रोहित काफी खुश थे। खासकर, उन्होंने आकाश दीप के प्रदर्शन की सराहना की।
“आकाश दीप ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने बहुत घरेलू क्रिकेट खेला है और उनके पास अच्छी क्षमता और कौशल है। एक मजबूत शरीर के साथ वह लंबे स्पेल डाल सकते हैं। आपको हमेशा अपनी बेंच स्ट्रेंथ तैयार रखनी चाहिए,” रोहित ने कहा।

यह टेस्ट सीरीज भारत के नए कोच गौतम गंभीर के नेतृत्व में खेली गई, जो टी20 विश्व कप में जीत के बाद राहुल द्रविड़ की जगह आए।
रोहित ने कहा, “हमने द्रविड़ के साथ शानदार समय बिताया, लेकिन जीवन आगे बढ़ता है। गौतम गंभीर के साथ मैंने खेला है और मुझे पता है कि वह किस तरह की मानसिकता के साथ आते हैं।”

अश्विन की तारीफ में बोले – ‘रोहित ने जो कहा, वो कर दिखाया’
रवींद्रन अश्विन को उनके ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द सीरीज चुना गया। अश्विन ने इस अप्रत्याशित जीत को WTC के संदर्भ में “विशाल” बताया।
उन्होंने कहा, “जब हमने उन्हें कल लंच के बाद आउट किया, तो रोहित ने कहा कि हमें उनके खिलाफ 80 ओवर चाहिए। और उन्होंने आकर यह भी कहा कि हम 230 रनों से भी कम पर आउट हो सकते हैं, लेकिन हम जोखिम उठाएंगे। उन्होंने केवल कहा ही नहीं, बल्कि मैदान में उतरते ही पहली गेंद पर छक्का लगाकर अपने शब्दों को साबित कर दिखाया। उन्होंने खेल का मूड सेट किया।”

बांग्लादेश के कप्तान शांतो ने किया निराशा व्यक्त
बांग्लादेश के कप्तान नजमुल हसन शांतो ने माना कि उनकी टीम की बल्लेबाजी दोनों टेस्ट मैचों में कमजोर रही।
“दोनों टेस्ट में हमने अच्छी बल्लेबाजी नहीं की। इन परिस्थितियों में हमें बेहतर बल्लेबाजी करनी चाहिए थी। हमारे बल्लेबाजों ने 30-40 गेंदें खेली और आउट हो गए। टेस्ट मैच में जब आप सेट हो जाते हैं, तो बड़ा स्कोर बनाना जरूरी होता है,” शांतो ने कहा।

उन्होंने आगे जोड़ा, “जब अश्विन और जडेजा ने चेन्नई में उस समय (भारत के छह विकेट गिरने के बाद) बल्लेबाजी की, तो उन्होंने बेहतरीन खेल दिखाया। बतौर गेंदबाजी यूनिट हमें उन मौकों पर ध्यान देना होगा कि हम कैसे उन विकेटों को हासिल कर सकते हैं। वह साझेदारी हमें मैच में ले डूबी।”

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