Thursday , January 9 2025

दिल्ली: आज कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच होंगे वार्ड समितियों के चुनाव

उपराज्यपाल ने वार्ड समितियों के चुनाव निष्पक्ष कराने और चुनाव में व्यवधान डालने वालों से निपटने के बारे में आदेश दिए हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने एमसीडी आयुक्त व दिल्ली के पुलिस के आयुक्त को इस बारे में सख्त कदम उठाने का फरमान दिया है। लिहाजा वार्ड समितियों के चुनाव होने वाले हॉल में पुलिसकर्मियों को मार्शल के तौर पर तैनात करने की संभावना है। पीठासीन अधिकारी उनके माध्यम से हंगामा करने वाले पार्षदों को बाहर निकाल सकते है।

दरअसल, एमसीडी आयुक्त ने आम आदमी पार्टी की ओर से वार्ड समिति के चुनाव टालने के प्रयास को देखते हुए उनके पार्षदों के हंगामा करने की आशंका जताई है। मंगलवार देर रात केंद्रीय गृह मंत्रालय की अधिसूचना के बाद बुधवार को ही चुनाव कराने का फैसला किया गया। आयुक्त अश्वनी कुमार ने चुनाव प्रक्रिया टालने के बजाय पूरे प्रकरण से उपराज्यपाल को अवगत कराया। इसके बाद उपराज्यपाल इस मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय के संज्ञान में लाए और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उपराज्यपाल को पीठासीन अधिकारी नियुक्त के लिए अधिकार देने के संबंध में अधिसूचना जारी कर दी।

गृह मंत्रालय के इस कदम के बाद उपराज्यपाल ने बुधवार को ही वार्ड समितियों के चुनाव कराने के लिए एमसीडी के आयुक्त को सभी जोनों के उपायुक्तों को पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने के आदेश दिए। आयुक्त ने रात करीब 11 बजे सभी जोनों के उपायुक्तों को वार्ड समितियों के चुनाव कराने के लिए आदेश जारी कर दिए।

सुबह से लेकर आधी रात तक हुआ हाई वोल्टेज ड्रामा
वार्ड समितियों के चुनाव कराने के लिए पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने के मामले में मंगलवार को सुबह 10 बजे से लेकर रात 11 बजे तक हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ। पूरा दिन मेयर का फोन बंद रहने के कारण निगम सचिव का उनसे संपर्क नहीं हो गया। वह शाम करीब पांच बजे सिविक सेंटर आई और उन्होंने रात करीब नौ बजे पीठासीन अधिकारी नियुक्त नहीं करनेे के बार में आयुक्त के पास पत्र भेजा। इसके बाद उपराज्यपाल के पास एमसीडी आयुक्त गए और करीब रात 10 बजे उपराज्यपाल को केंद्र सरकार से पीठारीन अधिकारी नियुक्त करनेे का अधिकार मिला। इस तरह रात 11 बजे पीठासीन अधिकारी नियुक्त हो सके।

मेयर व आप पार्षदों ने कई दिन पहले भी चुनाव प्रक्रिया पर उठाया था सवाल
एमसीडी ने वार्ड समितियों के चुनाव चार सितंबर को कराने के लिए गत 28 अगस्त को अधिसूचना जारी की थी और 30 अगस्त तक नामांकन पत्र जमा करने का समय तय किया था। उधर मेयर व आम आदमी पार्टी के चार पार्षदों ने कई कारणों का उल्लेख करते हुए 29 अगस्त को वार्ड समितियों के चुनाव की प्रक्रिया का समय बढ़ाने का आग्रह किया था। इतना ही नहीं, इसी दिन आम आदमी पार्टी के एक पार्षद ने वार्ड समितियों के चुनाव की प्रक्रिया आगे बढ़ाने की मांग के संबंध में हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाई कोर्ट ने 30 अगस्त को सुनवाई करते हुए आप पार्षदों की मांग को ठुकरा दिया था। इस कारण आप पार्षद ने अपनी याचिका वापस ले ली थी।

इसके बाद 30 अगस्त को आप के पार्षदों ने 11 वार्ड समितियों और भाजपा के पार्षदों ने 10 वार्ड समितियों के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष और स्थाई समिति के सदस्य के लिए नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। बताया जाता है कि 30 अगस्त को नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी होते ही निगम सचिव ने चुनाव कराने के लिए पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने के लिए मेयर के पास फाइल भेज दी थी। मेयर ने पीठासीन अधिकारी नियुक्त नहीं करने के संबंध में मंगलवार को रात करीब नौ बजे आयुक्त को अवगत कराया।

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