प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बनारस के ”नमो घाट” पर काशी-तमिल संगमम के दूसरे संस्करण का उद्घाटन करेंगे। वे कन्याकुमारी-वाराणसी तमिल संगमम ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना भी करेंगे। सांस्कृतिक उत्सव 17 से 30 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा। तमिल प्रतिनिधिमंडल का पहला जत्था 15 दिसंबर को चेन्नई से रवाना हो चुका है। विभिन्न क्षेत्रों के लगभग 1,400 लोगों के यहां पहुंचने की उम्मीद है।
शनिवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि काशी प्रवास के दौरान ये जत्था प्रयागराज और अयोध्या भी जाएगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय इस आयोजन के लिए नोडल एजेंसी होगी।
इस आयोजन में संस्कृति, पर्यटन, रेलवे, कपड़ा, खाद्य प्रसंस्करण (ओडीओपी), एमएसएमई, सूचना और प्रसारण, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय, आईआरसीटीसी और उत्तर प्रदेश सरकार के संबंधित विभाग भाग लेंगे। पहले चरण के अनुभव का लाभ उठाते हुए अनुसंधान के लिए आईआईटी मद्रास और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में कार्य करेगा।
सांस्कृतिक उत्सव में भाग लेने वाले जत्थे का नाम सात नदियों के नाम पर रखा गया
सांस्कृतिक उत्सव में भाग लेने वाले जत्थे को सात समूहों में बांटा गया है। इन समूहों का नाम सात पवित्र नदियों के नाम पर रखा गया है। छात्रों को (गंगा), शिक्षकों को (यमुना), पेशेवरों को (गोदावरी), आध्यात्मिक को (सरस्वती), किसानों और कारीगरों को (नर्मदा), लेखकों को (सिंधु) और व्यापारियों को (कावेरी) नाम पर रखा गया है। पंजीकरण के समय 42,000 से अधिक पंजीकरण प्राप्त हुए। इनमें से चयन समिति द्वारा प्रत्येक समूह के लिए 200 लोगों का चयन किया गया है।
ढोल, नगाड़े और पुष्पवर्षा से होगा स्वागत
प्रधानमंत्री एयरपोर्ट से नदेसर स्थित छोटा कटिंग मेमोरियल ग्राउंड तक सड़क मार्ग से आएंगे। इस दौरान जगह-जगह काशी की जनता व जनप्रतिनिधि ढोल, नगाड़े व पुष्पवर्षा से उनका स्वागत करेंगे। यह जानकारी शनिवार को सिगरा स्थित गुलाब बाग कार्यालय में भाजपा काशी क्षेत्र के अध्यक्ष दिलीप पटेल ने दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री पहले दिन छोटा कटिंग मेमोरियल से निकल कर सड़क मार्ग से ही नमो घाट पहुंचेंगे।
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