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दिल्लीवालों के लिए अच्छी खबर,जहां से टिकट होगा बुक वहीं मिलेगी प्रीमियम बस !

अधिकारियों का मानना है कि रोजाना कार से दफ्तर तक जाने वाले लोग खुद ही इन बसों की सवारी करेंगे। इससे सड़कों से कारें हटेंगी, जिसका नतीजा जाम व प्रदूषण में कमी के तौर पर दिखेगा।

दिल्ली सरकार की प्रीमियम बसें वहीं उपलब्ध होगी, जहां से मुसाफिरों ने टिकट बुक करवाया है। बशर्ते यात्री को प्रीमियम बस के रूट पर ही चलना हो। इसके लिए उसे सड़क के बस स्टाॅप तक नहीं जाना पड़ेगा। बस उसी लोकेशन पर रूकेगी जहां से एप पर टिकट लिया गया है। बस में यात्री को कार की तरह की सुविधाएं भी मिलेंगी। अधिकारियों का मानना है कि रोजाना कार से दफ्तर तक जाने वाले लोग खुद ही इन बसों की सवारी करेंगे। इससे सड़कों से कारें हटेंगी, जिसका नतीजा जाम व प्रदूषण में कमी के तौर पर दिखेगा।

दिलचस्प यह कि योजना में शामिल एग्रीगेटर के लिए सरकार अपने स्तर पर कोई एप नहीं बनाएगी। कैब चालक कंपनियों की तरह प्रीमियम बस सेवादाताओं को खुद ही एप विकसित करना होगा। साथ ही, वह अपने आकलन के हिसाब से रूट भी तय कर सकेंगे। इससे नफा या नुकसान होने की जिम्मेदारी सरकार पर नहीं आएगी। जिस रूट पर ज्यादा यात्री होंगे, वहां ज्यादा एग्रीगेटर को लाइसेंस मिल सकता है।

उधर, योजना के गजट नोटिफिकेशन के दूसरे दिन बुधवार को परिवहन विभाग के अधिकारी इससे जुड़ी औपचारिकताएं पूरी करते दिखे। दिनभर बैठकों का दौर चलता रहा। इसमें निविदा आदि से जुड़ी को पूरी करने के बाद विभाग कंपनियों को लाइसेंस देगा। साथ ही, उनकी मांग के हिसाब से रूट भी तय कर देगा। इससे आगे तयशुदा शर्तों के साथ बस चलाने का पूरा जिम्मा लाइसेंसधारक के पास होगा।

एनसीआर के लिए भी हो सकती है उपयोगी : अभी फिलहाल योजना कागजों में है, जल्द इसे धरातल पर उतारने की कोशिश की जा रही है। यह योजना दिल्ली में लागू की गईं है। रूट तय होने के बाद यदि योजना सफल होती है तो उसे एनसीआर में भी लागू किया जा सकता है। जानकारों का कहना है कि यह योजना नोएडा, गाजियाबाद, गुरुगाम आदि एनसीआर के जिलों के लिए भी उपयोगी हो सकती है। लाखों लोग एनसीआर के जिलों और दिल्ली में नौकरी करते हैं। इनमें बड़ी संख्या में लोग कार से कार्यालय आते हैं।

दिल्ली के इन क्षेत्रों में बन सकता है रूट
द्वारका, रोहिणी, वसुंधरा एन्क्लेव, सरोजिनी नगर, लाजपत नगर, ग्रीन पार्क, हौज खास, लक्ष्मीबाई नगर, आईएनए, चाणक्यापुरी, ग्रेटर कैलाश, साउथ एक्स, सिविल लाइंस, बुराड़ी, करोल बाग पश्चिम  विहार, पंजाबी बाग, महिपालपुर समेत कई क्षेत्रों में इन बसों का रूट बनाया जा सकता है।

एग्रीगेटर तय करेगा रूट 
अधिकारियों का कहना है कि कंपनी सवारियों की सुविधा के अनुसार रूट बना कर परिवहन विभाग को बताएगा। बस में कम से कम नौ सवारियों को बैठाने की सीट होगी। योजना के तहत बस में सवारियों को कार जैसा अहसास देना है, ताकि कार से कार्यालय आने-जाने वाले लोग प्रीमियम बसों को अपना हमसफर बनाएं।

दैनिक यात्रियों के लिए होगा फायदे का सौदा
अधिकारियों के मुताबिक, इसमें नियत जगह पर काम करने वाले नौकरीपेशा लोगों को खास फायदा होगा। उन्हें कार छोड़ने का एक बेहतर विकल्प मिलेगा। मसलन, रोहिणी की किसी काॅलोनी के सात-आठ लोग अगर रोजाना कनॉट प्लेस स्थित अपने दफ्तर कार से जाते हैं तो वह प्रीमियम बस बुक कर सकेेंगे। बस उनके घर पर आएगी और उन्हें कार्यालय पर छोड़गी। चूंकि यह बसें सामान्य बसों से छोटी होंगी, ऐसे में जहां पर सामान्य बसें नहीं जा सकती हैं, वहां पर इन बसों की सेवा ली जा सकती है।

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