रामचरित मानस पर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान को लेकर बवाल बढ़ता ही जा रहा है। रविवार को लखनऊ स्वामी के कुछ समर्थकों ने मानस की प्रतियां जलाईं तो यह गुस्सा और भड़क गया। इस बीच अयोध्या के स्वामी जीयर करपात्री महाराज ने कहा कि सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का डीएनए टेस्ट कराये जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में मंत्री पद पर रहते हुए वह क्यों नहीं बोले। सरकार से हट गए तो उनकी हवा निकल रही है। यह लोग अपना टीआरपी बढ़ाना चाहते हैं। स्वामी जीयर मां विंध्यवासिनी का दर्शन पूजन करने के बाद पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे।
स्वामी जीयर ने कहा कि अगर कृष्ण की बड़ी बहन माता विंध्यवासिनी न होती, न कृष्ण होते, न भागवत होती, न महाभारत होता और न ही गीता होती। सनातन संस्कृति पर किए जा रहे हमले को मानसिक दिवालियापन बताया। कहा कि सनातन संस्कृति सदैव अहिंसावादी रही है। उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री पर किये जा रहे घेराबंदी की निंदा की। बालक धीरेंद्र अच्छा काम कर रहे हैँ। भगवान चमत्कार नहीं आस्था का विषय है। उन्होंने कहा कि हमारी माता विंध्यवासिनी में आस्था है।
सनातन धर्म के लिए चमत्कार की आवश्यकता नहीं है। स्वामी प्रसाद मौर्या के बयान को उनका मानसिक खोखलापन बताया। माता विंध्यवासिनी का दर्शन पूजन करने के बाद करपात्री महाराज ने मिर्जापुर का नाम विंध्याचल पुरम कर देना चाहिए। उन्होने कहा कि जब फैजाबाद का नाम बदल कर अयोध्या और इलाहाबाद का प्रयागराज हो सकता है तो मिर्जापुर को विंध्याचल पुरम क्यों नहीं किया जा सकता।