लखनऊ केजीएमयू अब उन अस्पताल के मरीजों को खून नहीं देगा, जिनमें ब्लड बैंक का संचालन हो रहा है। सिर्फ उसी दशा में खून देगा जब डॉक्टर पर्चे पर लिखेंगे कि उनके यहां संबंधी ग्रुप का रक्त उपलब्ध नहीं है। नेगेटिव ग्रुप के खून के जरूरतमंदों को केजीएमयू छूट प्रदान करेगा। ये मरीज आसानी से खून ले सकेंगे।

केजीएमयू में 4500 बेड हैं। ज्यादातर बेड हमेशा भरे रहते हैं। रोजाना 200 से अधिक यूनिट खून की खपत है। बड़ी संख्या में निजी व दूसरे सरकारी अस्पताल के मरीजों को भी केजीएमयू खून देता है। खून की कालाबाजारी रोकने के लिए केजीएमयू प्रशासन ने अहम कदम उठाया है। अब केजीएमयू उन अस्पतालों को खून नहीं देगा जिनमें ब्लड बैंक का संचालन हो रहा है। हां यदि ब्लड बैंक के डॉक्टर लिखकर देंगे कि उनके यहां संबंधित ग्रुप का खून उपलब्ध नहीं है। केजीएमयू ने इस नियम को सख्ती से लागू करने का फैसला किया है।
ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की अध्यक्ष डॉ. तूलिका चन्द्रा ने बताया कि नेगेटिव ग्रुप के खून की किल्लत रहती है। मरीज की जान बचाने के लिए केजीएमयू नेगेटिव ग्रुप के खून को देने में छूट देगा। उन्होंने बताया कि केजीएमयू में किसी भी दूसरे ब्लड बैंक का खून मरीजों को नहीं चढ़ाया जाएगा। क्योंकि न्यूक्लीयर एसिड टेस्ट (नैट) परखा खून मरीजों को मुहैया कराया जा रहा है। इसमें एचआईवी, हेपेटाइटिस व सिफलिस जैसे संक्रमण की आशंका कम रहती है।
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