एलएसी पर हरकतों को लेकर अमेरिका की टिप्पणी के बाद चीन भड़क गया है। अमेरिकी अधिकारी ने कहा था कि सीमा विवाद को लेकर चीन अच्छे कदम नहीं उठा रहा है। इसपर चीन की तरफ से कहा गया है कि एलएसी पर तनाव दो देशों का मामला है इसमें तीसरे को दखल देने की जरूरत नहीं है। अमेरिका के दक्षिण मध्य एशिया मामलों के असिस्टेंट सेक्करटरी डोनाल्ड लू ने कहा था कि मई में ही चीन ने अपनी गलत गतिविधियां शुरू कर दी थीं। सीमा विवाद को सुलझाने की जगह चीन ने आक्रामक रुख अपनाया था। उन्होंने कहा था कि इस मामले में अमेरिका हमेशा भारत के साथ खड़ा रहेगा।

लू की टिप्पणी के बाद चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि बिना किसी प्रमाण के ही अमेरिकी अधिकारी ने एलएसी को लेकर चीन पर आऱोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, चीन दो देशों के द्विपक्षीय संबंधों के मामले में दखल देने को लेकर कड़ी आपत्ति जाहिर करता है। उन्होंने यह भी कहा कि एलएसी पर कुल मिलाकर स्थिति स्थिर है। सीमा का मामला भारत और चीन के बीच में है। दोनों ही देश सहमति और बातचीत से मामले को हल करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, उम्मीद है कि अमेरिका ऐसे काम करेगा जिससे शांति और स्थिरता बढ़ेगी।
प्रवक्ता ने कहा, भारत और चीन ने आपस में स्मूथ कम्युनिकेशन स्थापित किया है। रणनीतिक और सैन्य माध्यमों से विवाद को सुलझाने का प्रयास हो रहा है। बता दें कि भारत के सैन्य अधिकारी भी चीन को लेकर किसी भी तरह से आश्वस्त नहीं हैं। सेना प्रमुख ने हाल ही में कहा था कि सीमा पर स्थिति सामान्य है लेकिन अप्रत्याशित है। यानी कभी भी कुछ भी हो सकता है। बता दें कि लू इन दिनों भारत दौरे पर आए थे। अमेरिकी गृह मंत्री एंटनी ब्लिंकन के दौरे से पहले वह तैयारियों को जायजा लेने भारत आए थे।
लू ने कहा था, अमेरिका भारत औऱ चीन के सीमा विवाद पर पैनी नजर बनाए है। हम हमेशा इस पक्ष में रहे हैं कि शांतिपूर्ण तरीके से मामले का हल निकाला जाए। एक तरफ भारत ने अच्छे प्रयास किए हैं तो दूसरी तरफ चीन भारतीय सीमा पर आक्रामक रुख अपनाता है।
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