दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने समन के खिलाफ दाखिल उनकी अपील को खारिज कर दिया है। दरअसल, 2019 में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने तिवारी के खिलाफ मानहानि का केस किया था। निचली अदालत द्वारा जारी समन आदेश को खारिज करने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। हालांकि कोर्ट ने बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता की इसी तरह की याचिका को स्वीकार कर लिया है।
पीठ ने कहा, ‘हमने मनोज तिवारी की अपील को खारिज कर दिया है और विजेंद्र गुप्ता की अपील को इस आधार पर स्वीकार कर लिया है कि विधि आयोग की रिपोर्ट की हिस्ट्री का ठीक से पता नहीं चला है।’ दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बीजेपी नेताओं के खिलाफ प्राइवेट मानहानि की शिकायत दर्ज करवाई है। यह शिकायत उनपर कथित रूप से भ्रष्टाचार के आरोप लगाने को लेकर की गई है।
बीजेपी नेताओं ने सिसोदिया द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में उन्हें और अन्य को आरोपी के रूप में तलब करने के निचली अदालत के 28 नवंबर, 2019 के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सिसोदिया ने बीजेपी सांसद मनोज तिवारी, हंस राज हंस और प्रवेश वर्मा, विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा और विजेंद्र गुप्ता एवं भाजपा प्रवक्ता हरीश खुराना के खिलाफ दिल्ली के सरकारी स्कूलों के संबंध में उनके खिलाफ कथित रूप से भ्रष्टाचार के आरोप लगाने को लेकर मानहानि का केस किया है।
सिसोदिया ने कहा था कि बीजेपी नेताओं द्वारा संयुक्त रूप से और व्यक्तिगत रूप से उनके ऊपर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। ये आरोप उनकी प्रतिष्ठा और सद्भावना को नुकसान पहुंचाने के इरादे से लगाए गए गलत, मानहानिकारक और अपमानजनक हैं।