देश की राजधानी दिल्ली में इस वक़्त सियासी सरगर्मी चरम पर पहुँच चूका है। AAP और BJP के बीच इस वक़्त ऑपरेशन लोटस 2.0 वाले मामले को लेकर राजनीती चरम पर पहुँच चूका है। जहाँ एक तरफ आम आदमी पार्टी, विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी पर विधायकों के खरीद फरोख्त करने की कोशिश का आरोप लगा रही है। तो वहीँ दूसरी तरफ, अब BJP ने भी AAP के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। रविवार यानी 4 फ़रवरी को दिल्ली क्राइम ब्रांच की एक टीम तड़के सुबह इसी मामले के संबंध में दिल्ली सरकार कि शिक्षा मंत्री आतिशी सिंह के आवास पर पहुंची है। सूत्रों से मिली खबर के अनुसार इस पूरे उठा-पटक के बीच आतिशी मुख्यमंत्री आवास सीएम से मिलने पहुंची हैं। उनके साथ राघव चढ्ढा भी वहां मौजूद हैं।
आतिशी अपने आवास पर नहीं थीं मौजूद
सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि क्राइम ब्रांच की टीम आतिशी के आवास पर उनको विधायक खरीदने की कोशिश करने वाले बयान के संबंध में नोटिस थमाने पहुंची थी। मगर शिक्षा मंत्री अपने घर पर नहीं मिलीं। ख़बरों के मुताबिक क्राइम ब्रांच अब आतिशी के ओएसडी का इंतजार कर रही है। ऐसे में अब OSD के आने पर उनसे आतिशी से मिलवाने के लिए कहा जाएगा इसके बावजूद वो नहीं मिलती हैं तो OSD को भी नोटिस दिया जा सकता है।
आतिशी से पहले CM केजरीवाल पर एक्शन
हालाँकि, इसके पहले भी क्राइम ब्रांच की टीम आतिशी के घर पहुंची थी, लेकिन आतिशी के दिल्ली में ना होने की वजह से टीम वापस आ गई। वहीँ, शनिवार को क्राइम ब्रांच की एक टीम इसी मामले पर राजधानी के मुख्यमंत्री और AAP सुप्रीमो अरविन्द केजरीवाल के घर भी नोटिस लेकर पहुंची थी। दरअसल, अपने नोटिस में दिल्ली पुलिस ने आम आदमी पार्टी के सात विधायकों की BJP द्वारा खरीद-फरोख्त का प्रयास किये जाने के उनके आरोपों पर तीन दिनों के भीतर उनसे जवाब मांगा है।
ऑपरेशन लोटस 2.0 को लेकर सियासत गर्म
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह केजरीवाल और आतिशी के तरफ से BJP पर उनके 7 विधायकों को खरीदने की कोशिश करने जैसा गंभीर आरोप लगाया गया था। अपने आरोपों में CM केजरीवाल ने कहा था कि, “बीजेपी ने दिल्ली में AAP सरकार गिराने के लिए हमारे सात विधायकों को 25-25 करोड़ रुपये देने की पेशकश की है।” उनके इस बयान के ठीक बाद दिल्ली की मंत्री आतिशी ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए ठीक यही आरोप लगाते हुए इसका ‘ऑपरेशन लोटस 2.0’ नाम दिया। मीडिया से बातचीत के दौरान आतिशी ने कहा, ‘उन्होंने AAP विधायकों को पैसे की पेशकश कर अपने पाले में करने की इसी तरह की कोशिश पिछले साल भी की थी, लेकिन वे असफल रहे।