लोकसभा चुनाव से पहले सहयोगी पार्टियों में खींचातानी शुरू हो गई है। राजनीतिक सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा के सहयोगी दलों ने पार्टियों ने सीटों को लेकर दावा शुरू कर दिए हैं। जहां सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने चंदौली, गाजीपुर, घोसी सीट की तीन सीटों पर दावेदारी पेश की है। वहीं, अपना दल (एस) ने पांच सीटों पर मांग कर रही है। जिसमें मिर्जापुर, प्रतापगढ़, अंबेडकरनगर, फतेहपुर,जालौन लोकसभा सीट सामिल है। जबकि, निषाद पार्टी ने पूर्वांचल सीटों दावेदारी पेश की है।
विधायकों की संख्या बल की बात करें तो यूपी में अपना दल (एस) भाजपा की सबसे बड़ी पार्टी है। इस हिसाब से पार्टी ने पांच सीटों पर दावेदार पेश की है। पार्टी सोनभद्र की जगह बुंदेलखंड की कोई कुर्मी बाहुल्य सीट लेना चाहती है। यदि ऐसा हुआ तो 2019 में सोनभद्र सीट से अपना दल के सांसद पकौड़ी लाल का पत्ता कट जाएगा। पार्टी की पहली पसंद जालौन है। इसके अलावा प्रतापगढ़ की भी दावेदारी पेश की है। 2014 में यह सीट अपना दल के पास थी लेकिन 2019 में वापस ले लिया गया था। लेकिन विधानसभा चुनाव में अपनादल के कैंडिडेट संगमलाल गुप्ता को लड़ाया था।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी तीन सीटों- चंदौली, गाजीपुर, घोसी सीट की तीन सीटों पर दावेदारी पेश कर रही है। लेकिन हाल ही में हुए घोषी सीट पर हुए उप चुनाव में भाजपा उम्मीवार दारा सिंह चौहान के हारने से पार्टी की विश्वसनियता में कमी आयी है। बता दें कि अभी तक सुभासपा का कोई भी सदस्य लोकसभा चुनाव नहीं जीत पाया है।
निषाद पार्टी की बात करें तो भाजपा के साथ गठबंधन के बाद यह पहला लोकसभा चुनाव है। लेकिन पिछले दिनों हुए चुनावों में निषाद पार्टी का काफी अच्छा प्रदर्शन रहा। इस लिहाज से पूर्वांचल की कुछ सीटें मिल सकती हैं।
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