डॉ. वर्मा का कहना है कि ठंड बढ़ने के साथ क्रॉनिक रोगियों को दिक्कत और बढ़ सकती है। अस्थमा और दमा के रोगी अपने डॉक्टर से जांच कराकर दवा की खुराक दुरुस्त करा लें।
कानपुर में प्रदूषण का बढ़ा स्तर और वायरल संक्रमण से निमोनिया बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि बाई लेटरल निमोनिया के केस बढ़ रहे हैं। इस निमोनिया में दोनों फेफड़ों एक साथ प्रभावित होते हैं, जिससे रोगी का सांस तंत्र जल्दी फेल हो जाता है।
रविवार को दो रोगियों की निमोनिया से मौत हो गई। दोनों अस्थमा के रोगी रहे हैं। डॉ. मुरारीलाल चेस्ट हॉस्पिटल के विभागाध्यक्ष डॉ. संजय वर्मा ने बताया कि इमरजेंसी में सांस तंत्र फेल के रोगी आ रहे हैं। रोगियों में ऑक्सीजन लेवल की कमी हो जा रही है। रविवार सुबह लखनपुर क्षेत्र के विनोद (52) की मौत हो गई।
परिजनों ने बताया कि उन्हें अस्थमा की शिकायत थी। वायरल संक्रमण होने के बाद निमोनिया हो गया था। इसी तरह फजलगंज के अनीस (61) की मौत हुई है। बेटे असगर ने बताया कि अचानक सांस फूली और बेहोशी आ गई। काकादेव के निजी अस्पताल ले गए। डॉक्टरों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया।
क्रॉनिक रोगियों को दिक्कत और बढ़ सकती है
इसके अलावा आठ रोगियों को सेप्टीसीमिया की हालत में हैलट इमरजेंसी में भर्ती किया गया। डॉ. वर्मा का कहना है कि ठंड बढ़ने के साथ क्रॉनिक रोगियों को दिक्कत और बढ़ सकती है। अस्थमा और दमा के रोगी अपने डॉक्टर से जांच कराकर दवा की खुराक दुरुस्त करा लें।
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