माजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर अंदरूनी मिलीभगत और दलित, मुस्लिम और पिछड़ों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने कहा कि आने वाले चुनावों में समाज के इन वर्गों को वोट बांटने वाले स्वार्थी लोगों और फर्जी संगठनों के हथकंडों से खुद को बचाए रखने की जरूरत है।
पार्टी संस्थापक कांशीराम की जयंती के मौके पर मायावती ने बुधवार को कहा कि कांशीराम ने ‘चमचा युग’ के विश्वासघाती तत्वों के सम्बंध में जो बातें कही थीं, उन बातों से भी सबक सीख कर आगे बढ़ने का प्रयास लगातार जारी रखना है और याद रखना है कि भाजपा, सपा व कांग्रेस घोर जातिवादी व बहुजन विरोधी पार्टियां हैं, कोई कम तो कोई ज्यादा, तभी आगे बढ़ने का रास्ता प्रशस्त होता रहेगा।
बसपा के प्रदेश दफ्तर में कांशीराम को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद उन्होंने कहा कि देश पहले की तरह ही आज भी जातिवादी सरकार व उन जैसे तत्वों से जकड़ा हुआ है तथा इसके अभिशाप से छुटकारा तभी मिल सकता है जब इसके सताए हुए लोग अपने वोट के जबरदस्त संवैधानिक हक के जरिए राज्य व देश की सत्ता पर काबिज होंगेे। यूपी की जनता ने भाजपा, कांग्रेस व सपा के घोर जातिवादी व आरक्षण विरोधी रवैये के साथ-साथ एससी, एसटी, ओबीसी, मुस्लिम व धार्मिक अल्पसंख्यकों को उनके कानूनी हक व इंसाफ से वंचित रखने के खेल तथा इन पार्टियों की कथनी और करनी में अन्तर को भी देख लिया है। इससे साबित है कि ये सभी पार्टियाँ एक ही थैली के चट्ट-बट्टे हैं और इनसे एससी, एसटी, ओबीसी व मुस्लिम समाज को अपने वास्तविक भले की उम्मीद करके रेगिस्तान में पानी तलाशने जैसी ही गलती कतई नहीं करनी चाहिए।
उन्होने कहा कि इस विशाल राज्य में सरकार की गलत नीतियों एवं द्वेष व पक्षपात पूर्ण कार्यकलापों के कारण वैसे तो सर्वसमाज के लोग ही बढ़ती महंगाई, अपार गरीबी, बेरोजगारी व जानमाल की असुरक्षा के कारण दुःखी व त्रस्त हैं, खासकर दलित एवं पिछड़े वर्ग के लोग अपने हक व इंसाफ को लेकर इस सरकार में कुछ ज्यादा ही पीड़ित व परेशान हैं, जो किसी से भी छिपा हुआ नहीे है। इन वर्गों के आरक्षण को निष्क्रिय व निष्प्रभावी बना देने से करोड़ों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इसीलिए कदम-कदम पर सजगता तथा यहाँ होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव में खासकर पूरी सावधानी बहुत जरूरी है।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि केन्द्र और यूपी सरकार की गरीब विरोधी व धन्नासेठों की अंध समर्थक नीतियों का भुक्तभोगी गरीब वर्ग व पिछड़ा बहुजन समाज रहा है, लेकिन अब मिडिल क्लास व अपर मिडिल क्लास वर्ग भी इनकी अदूरदर्शी आर्थिक नीतियों व गलत फैसलों से प्रभावित हो रहा है, जिससे देश का माहौल हताशा में बदल रहा है।
दिल्ली में संसद के समक्ष सरकार द्वारा उनसे किये गये वादों को पूरा नहीे करने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों का समर्थन करते हुए सुश्री मायावती ने केन्द्र सरकार से किसानों से किए गए अपने वादों को पूरा करके वादाखिलाफी के आरोप से बचने की माँग की। उन्होने कहा किसरकार किसानों की आय दोगुना करने का अपना जरूरी वादा अभी तक नहीं निभा पाई है लेकिन सम्मान निधि के नाम पर बहुत मामूली सी रकम देने का ढिंढोरा पीटती है हालाँकि इससे कहीं बेहतर होता कि सरकार देश भर के छोटे व मझोले किसानों के कर्ज बारी-बारी से हर साल माफ कर देती तो यह बड़े अच्छे राहत की बात होती।