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“नवरात्रि के नौ रंग, माता के नौ रूप: आराधना में रंगों का महत्व”

नवरात्रि, माता दुर्गा को समर्पित एक जीवंत त्योहार, बस कुछ ही दिनों में शुरू होने वाला है, और भक्त इस नौ दिवसीय पवित्र पर्व को अपार भक्ति और श्रद्धा के साथ मनाने की तैयारी कर रहे हैं। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर 2024 से प्रारंभ होगी और 12 अक्टूबर 2024 को दशहरे के साथ समाप्त होगी।

नवरात्रि का एक रोचक पहलू प्रत्येक दिन के लिए निर्धारित रंग है, जो अपनी विशिष्टता और आध्यात्मिक अर्थ रखता है। नवरात्रि के दौरान विशेष रंग पहनने से उत्सव का माहौल बढ़ता है और भक्तों को माता की दिव्य ऊर्जा से जोड़ने का विश्वास होता है। आइए जानें नवरात्रि के नौ रंग और उनके पीछे का महत्व!

नवरात्रि का पहला दिन: नारंगी (शैलपुत्री)
नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है, जिन्हें “पर्वतों की पुत्री” कहा जाता है। माता दुर्गा का यह पहला अवतार प्रकृति और पवित्रता का प्रतीक है। इस दिन नारंगी रंग पहनने से व्यक्ति के जीवन में जीवंतता और ऊर्जा आती है। यह रंग सकारात्मकता फैलाता है और उत्साह को बढ़ाता है।

नवरात्रि का दूसरा दिन: हरा (ब्रह्मचारिणी)
दूसरे दिन की देवी ब्रह्मचारिणी हैं, जो माता पार्वती का अविवाहित रूप हैं। उन्होंने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। इस दिन का रंग हरा है, जो प्रकृति, शांति, उर्वरता और वृद्धि का प्रतीक है। हरा रंग मन को शांति और संतुलन प्रदान करता है।

नवरात्रि का तीसरा दिन: ग्रे (चंद्रघंटा)
तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की पूजा की जाती है, जो माता पार्वती का विवाहित रूप हैं। उनके माथे पर अर्धचंद्र सुशोभित होता है, जो सौंदर्य और शांति का प्रतीक है। इस दिन का रंग ग्रे है, जो शक्ति, धैर्य और समस्याओं पर विजय पाने की क्षमता को दर्शाता है।

नवरात्रि का चौथा दिन: नारंगी (कूष्मांडा)
चौथे दिन की देवी कूष्मांडा हैं, जिन्हें ब्रह्मांड की सृजक कहा जाता है। इस दिन नारंगी रंग पहनकर उनकी पूजा करने से भक्तों के जीवन में उष्णता, उत्साह और सकारात्मक ऊर्जा आती है।

नवरात्रि का पांचवा दिन: सफेद (स्कंदमाता)
पांचवे दिन की देवी स्कंदमाता हैं, जो युद्ध के देवता स्कंद (कार्तिकेय) की माता हैं। इस दिन का रंग सफेद है, जो पवित्रता और मासूमियत का प्रतीक है। सफेद रंग पहनने से भक्त माता से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और मन में शांति का अनुभव करते हैं।

नवरात्रि का छठा दिन: लाल (कात्यायनी)
छठे दिन देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है, जो अपनी उग्र और शक्तिशाली स्वरूप के लिए जानी जाती हैं। इस दिन का रंग लाल है, जो प्रेम, शक्ति और समर्पण का प्रतीक है। माता को चढ़ाई जाने वाली चुनरी का सबसे पसंदीदा रंग भी लाल है, जो भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है।

नवरात्रि का सातवां दिन: शाही नीला (कालरात्रि)
सातवें दिन की देवी कालरात्रि हैं, जो माता दुर्गा के विनाशकारी रूपों में से एक मानी जाती हैं। इस दिन का रंग शाही नीला है, जो समृद्धि, शांति और गहराई का प्रतीक है। यह रंग मां कालरात्रि की शक्तिशाली लेकिन शांत स्वभाव को दर्शाता है।

नवरात्रि का आठवां दिन: गुलाबी (महागौरी)
आठवें दिन महागौरी की पूजा की जाती है, जिनका नाम “अत्यधिक श्वेत” होने के कारण पड़ा है। इस दिन का रंग गुलाबी है, जो प्रेम, स्नेह और सौहार्द्र का प्रतीक है। गुलाबी रंग पहनने से दया और समर्पण की भावना जागृत होती है, जो महागौरी की कोमल और पोषक प्रवृत्तियों को दर्शाता है।

नवरात्रि का नौवां दिन: बैंगनी (सिद्धिदात्री)
नौवें दिन की देवी सिद्धिदात्री हैं, जो भक्तों को अलौकिक और ध्यान शक्तियां प्रदान करती हैं। इस दिन का रंग बैंगनी है, जो वैभव, भव्यता और शाही आभा का प्रतीक है। बैंगनी रंग पहनकर माता की पूजा करने से भक्तों को आध्यात्मिक शक्ति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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