साइबर ठगों ने सीबीआई अधिकारी बनकर संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) की डॉक्टर रुचिका टंडन को डिजिटल अरेस्ट कर 2.81 करोड़ रुपये ठग लिए। पीड़िता ने साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
कृष्णानगर निवासी रुचिका के मुताबिक कुछ दिन पहले अंजान नंबर से कॉल आई। फोन करने वाले ने खुद को ट्राई एजेंसी का कर्मचारी बताते हुए कहा कि उनके सारे मोबाइल नंबर बंद किए जा रहे हैं। कारण पूछने पर बताया कि आपके सिम कार्डों पर 22 बार शिकायत की गई है, इसलिए आपसे सीबीआई के अधिकारी बात करेंगे। इसके बाद ठग ने वीडियो कॉल के जरिये राहुल गुप्ता से बात कराई, जिसने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर लिया।
जालसाज ने कहा, आपका नाम जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल के मनी लॉन्ड्रिंग केस में आया है। साथ ही महिला व बच्चों की तस्करी के मामले में भी उनकी संलिप्तता बताते हुए गिरफ्तारी की बात कही। कार्रवाई से बचाने के बदले में शातिरों ने पांच खातों से 2.81 करोड़ रुपये ट्रांसफर करा लिए।
पार्सल में ड्रग्स मिलने के नाम पर 70 लाख वसूले
पार्सल में ड्रग्स मिलने के नाम पर जालसाजों ने गोमतीनगर निवासी उमेश चंद्र पंत से 70 लाख रुपये वसूल लिए। उमेश के मुताबिक, कुछ दिन पहले अंजान नंबर से कॉल आई थी। फोन करने वाले ने खुद को डीएचएल कूरिअर सर्विस का कर्मचारी बताया। थाईलैंड से उनके नाम पर आए पार्सल में ड्रग्स आने की बात कही। इसके बाद उमेश चंद्र को डिजिटल अरेस्ट कर 70 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए गए।
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