भारत और जापान ने दक्षिण एशिया में सीमा पार से प्रायोजित आतंकी गतिविधियों समेत आतंकवाद के बढ़ते खतरों और चुनौतियों से एकजुट होकर निपटने के तरीकों पर चर्चा की।
इस दौरान दोनों पक्षों ने कट्टरपंथ, आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने और आतंकियों द्वारा नई एवं उभरती तकनीकों के प्रयोग की जांच में आपसी सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया।
नई दिल्ली गुरुवार को आयोजित आतंकवाद निरोध पर भारत-जापान की छठवीं संयुक्त कार्य समूह की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव केडी देवल ने किया।
वहीं जापानी दल का नेतृत्व जापान सरकार में आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग के प्रभारी राजदूत हिरोयुकी मिनामी ने किया।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि कार्य समूह की बैठक में आतंकवाद के वित्तपोषण, संगठित अपराध और मादक-आतंकी नेटवर्क से निपटने पर भी चर्चा की गई। इस दौरान दोनों पक्षों ने सूचना के आदान-प्रदान, क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और संयुक्त राष्ट्र और क्वाड जैसे बहुपक्षीय मंचों के माध्यम से आतंकवाद विरोधी सहयोग को मजबूत करने के महत्व पर बल दिया।
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