लखनऊ-दिल्ली नेशनल हाईवे पर झुमका तिराहा से चौबारी होते हुए इन्वर्टिस विश्वविद्यालय के पास शाहजहांपुर रोड तक 29.95 किलोमीटर लंबे रिंग रोड के निर्माण को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने हरी झंडी दे दी है। यह परियोजना करीब 1750 करोड़ रुपये की है। इसके निर्माण के लिए बुधवार से औपचारिक रूप से काम शुरू हो जाएगा। प्रोजेक्ट मैनेजर अश्वनी चौहान ने बताया कि मुख्यालय से अनुमोदन मिलने के बाद निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा रहा है। दरअसल, रिंग रोड परियोजना को शुरू होने से पहले कई बाधाओं का सामना करना पड़ा। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया के दौरान घपले उजागर होने के कारण राजस्व और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई हुई तो वहीं, भूमि अधिग्रहण में विलंब और मुआवजा वितरण की सुस्त प्रक्रिया ने परियोजाना में अड़ंगा लगाया। एनएचएआई के अधिकारी सितंबर माह में ही निर्माण शुरू कराने का दावा कर रहे थे, लेकिन दो प्रकरण उलझ गए थे। इसमें एक यह कि मुआवजा वितरण अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो सका था, दूसरा वन विभाग से एनओसी नहीं मिल पा रही थी। नवंबर के अंत में वन विभाग से एनओसी मिलने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों और एनएचएआई के अधिकारियों की संयुक्त बैठक हुई। भूमि अध्याप्ति अधिकारी ने आश्वस्त किया कि दिसंबर के मध्य तक 80 प्रतिशत मुआवजा वितरण करा दिया जाएगा। इसको देखते हुए दिसंबर के पहले सप्ताह में निर्माण कार्य शुरू कराने के लिए एनएचएआई के अधिकारियों ने मुख्यालय प्रस्ताव भेजा था। दिसंबर का दूसरा सप्ताह भी समाप्त होने के बाद फिर मुख्यालय पर पैरवी की गई। इसके बाद अब अंतिम अनुमोदन मिलने के बाद निर्माण कार्य बुधवार से शुरू होने जा रहा है। इस रिंग रोड के बनने से क्षेत्रीय यातायात प्रणाली में सुधार के साथ ही आर्थिक और लॉजिस्टिक लाभ भी मिलने की उम्मीद है। लखनऊ-दिल्ली हाईवे पर बनने वाली रिंग रोड की डिजाइन इस प्रकार तैयार की गई है कि मौजूदा सड़कों और यातायात को प्रभावित नहीं किया जाएगा। कई स्थानों पर मार्ग में पहले से बने सीसी रोड और खड़ंजा आ रहे हैं, जिन्हें बंद नहीं किया जाएगा। रिंग रोड को इन बाधाओं के ऊपर पुल बनाकर आगे बढ़ाया जाएगा, जिससे यात्रा में व्यवधान नहीं आएगा। झुमका तिराहा के धंतिया गांव से रिंग रोड आरंभ होगी, जहां पहला फ्लाईओवर बनाया जाएगा। इसके बाद मार्ग रेलवे लाइनों के पार जाएगा, जिनके लिए आरओबी (रेल ओवर ब्रिज) का निर्माण प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त रामगंगा किनारे भी आरओबी का निर्माण किया जाएगा। इन्वर्टिस विश्वविद्यालय के पास रिंग रोड को दिल्ली-लखनऊ हाईवे से जोड़ने के लिए चौथा आरओबी बनाया जाएगा। इस प्रकार रिंग रोड परियोजना में कुल सात बड़े पुल और चार छोटे पुल बनाए जाएंगे।
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