उत्तर प्रदेश में 28 हजार मेगावाट से अधिक की बिजली आपूर्ति की जा रही है, बावजूद इसके रात में स्थानीय फॉल्ट की वजह से उपभोक्ताओं को परेशानी झेलनी पड़ रही है। गर्मी के तेवर ऐसे ही बने रहे तो बिजली की मांग 32 हजार मेगावाट से अधिक हो सकती है।
पावर काॅरपोरेशन की ओर से दावा किया जा रहा है कि शहरी और ग्रामीण इलाके में भरपूर बिजली दी जा रही है, जबकि हकीकत यह है कि शहरी इलाके में रात के वक्त लगातार कटौती हो रही है। गोमतीनगर में ही रविवार की रात कई बार ट्रिपिंग हुई। विभाग के अभियंता इसे लोकल फॉल्ट बता रहे हैं। हालत यह है कि ब्रेकडाउन के बाद अभियंता फोन तक नहीं उठा रहे हैं।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि मई माह में बिजली की मांग 31 हजार मेगावाट से अधिक हो सकती है। यदि विभाग की ओर से विभिन्न योजनाओं में मिली राशि समय पर खर्च की गई होती तो स्थानीय फाॅल्ट की समस्या को खत्म किया जा सकता था।
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