विशाखापट्टनम में भारत-अमेरिका संयुक्त अभ्यास ‘टाइगर ट्रायम्फ- 2024’ आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान, यूएस मरीन सीएच- 53ई सुपर स्टैलियन ने विशाखापट्टनम के आईएनएस डेगा में नौसेना एयर स्टेशन पर अपनी पहली लैंडिंग की। भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग रियर एडमिरल राजेश धनखड़ और अमेरिकी नौसेना के सातवें बेड़े के वाइस कमांडर रियर एडमिरल जोक्विन मार्टिनेज ने भारतीय सेना के 54 इन्फैंट्री डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल अखिलेश कुमार के साथ संयुक्त का दौरा किया।
शिविर भारतीय और अमेरिकी सशस्त्र बलों के बीच चल रहे संयुक्त त्रि-सेवा अभ्यास ‘टाइगर ट्रायम्फ 2024’ के हिस्से के रूप में स्थापित किया गया है। अभ्यास की शुरुआत 18 मार्च को हुआ था, जिसमें भारतीय नौसेना के जहाज और विमान, भारतीय वायु सेना के विमान और विशेषज्ञ चिकित्सा दल, 91 इन्फैंट्री ब्रिगेड के भारतीय सेना के सैनिक और अभिन्न विमान के साथ यूएसएन जहाज समरसेट शामिल हुए हैं।
31 मार्च तक चलेगा सैन्य अभ्यास
सेना ने इससे पहले कहा था कि 18-31 मार्च तक चलने वाले इस सैन्य अभ्यास का मकसद सैनिकों को मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) के लिए और बेहतर तरीके से तैयार करना है। सेना के मुताबिक थल सेना, वायुसेना और नौसेना के बीच कैसे अंतरसंचालन को बेहतर बनाया जाए, इसकी संभावनाएं भी तलाशी जा रही हैं। इसके अलावा दोनों देशों की सेनाओं के बीच तेज और सुचारु समन्वय को सक्षम बनाने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को और बेहतर बनाने पर भी काम हो रहा है।
किन उपकरणों और तकनीकों से जुड़े अभ्यास हो रहे हैं
अभ्यास के दौरान दोनों देशों की सेना नए खरीदे गए या हाल ही में शामिल किए गए हथियारों और अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाओं का प्रदर्शन करते हैं। भारतीय सेना की टुकड़ी में पैदल सेना, मशीनों से लैस पैदल सेना, पैरा (विशेष बल), तोपखाने, इंजीनियों और अन्य सहायक हथियारों के घटक शामिल हैं। इसके अलावा ड्रोन, एंटी- ड्रोन उपकरण और आईसीवी (पैदल सेना लड़ाकू वाहन) की मिश्रित प्रणालियों से जुड़े अभ्यास भी किए जा रहे हैं।
अभ्यास के दौरान दोनों देशों के सैनिकों की ये गतिविधियां बेहद अहम
इस अभ्यास में विशेषज्ञों के बीच आदान-प्रदान किया जा रहा है। भारतीय और अमेरिकी सैनिक क्रॉस-बोर्ड यात्राएं कर रहे हैं। सैनिकों के बीच सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए मैत्रीपूर्ण खेल मैच भी शामिल हैं। सूत्रों ने कहा कि अमेरिकी रक्षा बलों के साथ संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास के दौरान दोनों देशों के बीच संयुक्त परिचालन क्षमता और खुफिया जानकारी साझा की जा रही है।
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