10 साल के इंतजार के बाद दाऊदखेड़ी में करोड़ों की लागत से आरटीओ का नया भवन बनकर तैयार हो चुका है। जिसका लोकार्पण भी करीब चार महीने पहले 2 अक्टूबर 2023 को किया जा चुका है, लेकिन अब तक नए भवन में आरटीओ कार्यालय की शिफ्टिंग नहीं हुई है। आरटीओ कार्यालय दाऊदखेड़ी के नए भवन में शुरू हो इसके लिए आरटीओ संतोष मालवीय हो या फिर पीईयू अधिकारी जतिन सिंह चुंडावत सभी अपने-अपने तर्क दे रहे हैं। लेकिन, कोई यह बताने को तैयार नहीं है कि आखिर नए भवन में आरटीओ कार्यालय कब से शुरू होगा।
भरतपुरी प्रशासनिक क्षेत्र में वर्षों से किराए की बिल्डिंग में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय संचालित हो रहा है। जिसका हर महीने का किराया लगभग 90 हजार से 1 लाख रुपये है। आरटीओ के अधिकारियों की मेहनत के कारण लगभग 10 साल पूर्व इस विभाग को किराए के भवन से मुक्ति मिल गई थी। वर्ष 2014 में 6 करोड़ रुपए क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय का निर्माण करने और टेस्टिंग ट्रैक तैयार करने की स्वीकृति मिल गई थी। जिसकी निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग की पीआयू विंग से कराया गया था। इसके बाद से ही नए परिवहन कार्यालय के लिए जिला प्रशासन के साथ विभाग द्वारा करीब 8 से 10 बीघा आवश्यक जमीन की तलाश शुरू कर दी गई थी। लेकिन, नए भवन के लिए आवश्यक 8 से 10 बीघा जमीन देरी से मिली इस कारण प्रोजेक्ट की लागत में लगभग 1.31 करोड़ का इजाफा हो गया और निर्माण करीब 5 साल अटका रहा। बावजूद इसके क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने प्रयास जारी रखें और नतीजा यह हुआ कि अब उज्जैन में नया आरटीओ भवन बनकर तैयार है, जिसका लोकार्पण 2 अक्टूबर 2023 को किया जा चुका है। लेकिन, इस भवन में अब तक नया आरटीओ कार्यालय शिफ्ट नहीं किया गया है।
नए भवन में आरटीओ कार्यालय शिफ्ट न किए जाने को लेकर आरटीओ संतोष मालवीय का कहना है कि पूर्व में किए गए निरीक्षण के दौरान हमें कुछ खामियां मिली थी, पीईयू के अधिकारी भवन में सभी प्रकार की सुविधा होने के बात कह रहे हैं। लेकिन, पहले हम इन कार्यों का निरीक्षण करेंगे, उसके बाद ही शिफ्टिंग का काम किया जाएगा।
वहीं, पीईयू के अधिकारी जतिन सिंह चुंडावत का कहना है कि आरटीओ कार्यालय के भवन का कार्य पूर्ण हो चुका है, जो भी खामियां निरीक्षण के दौरान बताई गईं थीं, उन्हें ठीक कर दिया है। हमें इसी बात का इंतजार है कि जल्द से जल्द आरटीओ कार्यालय नए भवन में शिफ्ट हो जाए।
6 करोड़ का प्रोजेक्ट हो गया था 7 करोड़ 31 लाख का
साल 2014 में प्रोजेक्ट के लिए 6 करोड़ रुपये मंजूर होने के बाद करीब 4 साल भवन निर्माण के लिए जमीन तलाशने में लग गए। 2017-18 में दाऊदखेड़ी में लगभग तीन एकड़ जमीन उपलब्ध हो पाई। लेकिन, इस बीच प्रोजेक्ट की लागत 6 करोड़ से बढ़कर 7 करोड़ 31 लाख के करीब पहुंच गई। दाउदेखड़ी में जमीन आवंटित होने के बाद बीते सालों में कीमतों में इजाफा और नए एसओआर आने के कारण लागत बढ़ गई और फिर से काम अटक गया। विभाग ने 1.30 करोड़ का रिवाइज्ड ऐस्टिमेट परिवहन विभाग का भेजा, लेकिन स्वीकृति नहीं मिली। इसके बाद विभाग और तत्कालीन कलेक्टर भोंडवे द्वारा लगातार शासन व विभाग से मांग पत्र भेजे गए। जिसके बाद विभाग की ओर से एस्टिमेट को स्वीकृत कर राशि भेजी गई। पीआइयू के इंजीनियरों ने मई 2023 तक भवन का काम पूरा होने का लक्ष्य रखा था, जिसे पूरा भी किया गया।
निरीक्षण में मिली इन खामियों को किया जा चुका है दूर
पीईयू के अधिकारी बताते हैं कि पूर्व में आरटीओ और अन्य अधिकारियों द्वारा किए गए निरीक्षण में नए भवन में लाइटिंग, फिनिशिंग और इंटरनेट की खामियां निकाली गईं थी। नए भवन में खिड़की दरवाजे, अंग्रेजी के 8 अंक जैसा ड्राइविंग परीक्षण ट्रैक, फिनिशिंग, लाइटिंग, ट्रासंफार्मर और विद्युत पोल लगाने जैसे काम पूरे किए जा चुके हैं।
पुराने आरटीओ भवन में आ रही यह समस्या
वर्तमान में भरतपुरी स्थित परिवहन कार्यालय छोटी-सी जगह में संचालित हो रहा है। यहां एक ही कक्ष में दो से तीन कर्मचारी बैठकर काम कर रहे है। वहीं लाइसेंस बनाने, रिन्यु कराने, टैक्स जमा कराने आने वाले लोगों के लिए बैठने तक की पर्याप्त जगह नहीं है। कार्यालय में रोजाना ही भीड़ के कारण अस्त व्यस्त स्थिति रहती है। यहां आने वाले लोगों को भी इससे परेशानी आती है।
7 करोड़ 30 लाख 75000 के लागत से बना है नया भवन
दाऊदखेड़ी में 7 करोड़, 30 लाख, 75 हजार रुपए की लागत से बनाए गए नवीन भवन का क्षेत्रफल 3022.19 वर्गमीटर है। आरटीओ संतोष कुमार मालवीय के अनुसार नए भवन के भूतल पर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी का चैम्बर और उनके निजी सचिव का कक्ष, कॉन्फ्रेंस रूम, कैश काउंटर, अकाउंट्स रूम, स्टाफ लंच रूम, रिकॉर्ड रूम, टेस्ट हॉल, स्मार्ट कार्ड हॉल, परमानेंट लायसेंस वेटिंग एंड क्यू स्पेस, एचएसआरपी रूम, चेस्ट रूम, आफिस रूम 7, सेंटर हॉल तथा एक अन्य हॉल, दो टॉयलेट ब्लॉक, फिटनेस शेड एवं अंग्रेजी भाषा के अंक 8 के आकार का ड्राइविंग ट्रेक निर्मित किया गया है। इससे यहां ट्रक और ट्राले जैसे बड़े वाहनों की भी आसानी से टेस्ट ड्राइव की जा सकेगी।
विद्युत कनेक्शन की है देरी
सोर्स बताते हैं कि आरटीओ द्वारा नवीन कार्यालय को शुरू करने के लिए बिजली कनेक्शन का आवेदन विद्युत विभाग में दिया गया है, लेकिन अभी तक यहां नया कनेक्शन नहीं दिया गया है जिसके कारण यह कार्यालय अब तक शुरू नहीं हो पाया है।