अलीगढ़ के छेरत स्थित सम्भागीय सूकर प्रजनन केन्द्र, सीडीएफ सेंटर पर सुअरों में अफ्रीकन स्वाइन फीवर की पुष्टि हुई है। जिसके बाद जिलाधिकारी द्वारा इस क्षेत्र में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। सुअर और उनसे निर्मित उत्पादों पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। साथ सघन सफाई, सेनेटाइजेशन करने के निर्देश दिए गए हैं। सीवीओ डॉ. एनपी सिंह ने बताया कि यह वायरस सिर्फ सुअरों को प्रभावित करता है। सम्भागीय सूकर प्रजनन केन्द्र, सीडीएफ सेंटर पर एक मई को कुछ सुअरों की मौत हुई, जिसके बाद सीवीओ द्वारा भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान इज्जतनगर, बरेली के कैडरेड विभाग को सूचित किया गया था। बरेली से आई टीम ने सुअरों का सैंपल दो मई को लिया था।

जिसके बाद पांच मई को अफ्रीकन वायरस की पुष्टि हुई। जिसके बाद जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह सुअर और उनसे जुड़े उत्पाद पर पूरी तरह रोक लगा दी है। जिलाधिकारी के निर्देशानुसार रोग प्रभावित क्षेत्र में सूकरों के आवागमन को पूर्णत प्रतिबन्धित किया गया है। किसी भी प्रकार के सूकरबाजार का आयोजन पूर्णत प्रतिबन्धित रहेगा। सूकर मांस की बिकी पूर्णत प्रतिबन्धित किया गया है। प्रभावी क्षेत्र में सघन सफाई, डिसइन्फैक्शन एवं सेनेटाईजेशन का कार्य स्थानीय निकायों द्वारा युद्ध स्तर पर किए जाने के निर्देश हैं। रोग से पीडित सूकरों का उपचार एवं जागरूकता का अभियान युद्ध स्तर पर चलाया जाएगा।
2019 के बाद फिर से दस्तक
मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ. एनपी सिंह ने बताया कि भारत में पहली बार यह वायरस 2019 में नॉर्थ ईस्ट में पाया गया था। उसके बाद यह वायरस अलीगढ़ में पाया गया है। उससे पहले साउथ ईस्ट एशिया में मिला था। जिसके बाद भारत में दस्तक हुई थी। यह वायरस सुअरों को छोड़कर न किसी इंसान और न ही किसी जानवर को प्रभावित करता है। यह सिर्फ सुअरों में होने वाली बीमारी हैं।
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