शुक्रवार को मुम्बई के पत्रकार संघ ने सचिवालय के गांधीजी की मूर्ति के पास इकट्ठा होकर अपने साथी पत्रकार के हत्या को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया है। मारे गए पत्रकार का नाम शशिकांत वारिशे (48) था। सोमवार की शाम एक एसयूवी ने शशिकांत को कुचल दिया था, जिसे कथित तौर पर जमीन कारोबारी पंढरीनाथ अंबरकर चला रहे थे। इसके बाद अगले दिन इलाज के दौरान वारिश की अस्पताल में मौत हो गई।
फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई की मांग
वारिश ने घटना की सुबह अंबरकर के खिलाफ स्थानीय मराठी अखबार में एक लेख लिखा था। इसके बाद शाम को मुंबई से लगभग 440 किलोमीटर दूर राजापुर में एक पेट्रोल पंप के पास उनको कुचल दिया गया। महानगर के दक्षिण में स्थित राज्य सचिवालय में दोपहर में सभी पत्रकार एकत्र हुए प्रदर्शन करते हुए मांग करने लगे कि मुकदमे की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में की जाए और आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए।
50 लाख मुआवजा देने की मांग
विरोध में शामिल लोगों की मांग है कि हत्या के साथ ही इसके पीछे की रची गई बड़ी साजिश का खुलासा करने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) को मामले में जोड़ा जाए। साथ ही उनकी मांग है कि आरोपी को महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत कार्रवाई करते हुए सजा दी जानी चाहिए। विधिमंडल और मंत्रालय पत्रकार संघ के सचिव प्रवीण पुरो ने शुक्रवार के विरोध प्रदर्शन के दौरान कहा कि वारिश के परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए।
आरोपी को किया गया गिरफ्तार
फिलहाल, पुलिस ने आरोपी अंबरकर को गिरफ्तार कर लिया है और उसपर हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। अंबरकर पर यह आरोप भी लगाया गया है कि वह उन व्यक्तियों को धमकी देता था जो क्षेत्र में प्रस्तावित रिफाइनरी के लिए भूमि अधिग्रहण का विरोध करता था।