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जोशीमठ के घरों में दरारों के बाद ग्रामीणों के दिल-दिमाग का दर्द भी बढ़ा, पढ़ें पूरी खबर ..

स्थान : मेडिकल कैंप, नगर पालिका परिसर, जोशीमठ। समय : सुबह 10 बजे। मेडिकल टीम बारी-बारी से मरीजों का इलाज कर रही है। 48 वर्षीय गीता देवी भी इलाज कराने आईं हैं। डॉक्टर ने बीपी जांचा तो बढ़ा हुआ आया। डॉक्टर ने कहा- टेंशन मत लीजिए, आपका बीपी बढ़ रहा है।

गीता बोल पड़ीं, चिंता न करें तो क्या करें। घर रहने लायक नहीं बचा है। होटल में परिवार रह रहा है। घर और बच्चों के बारे में सोच-सोच कर परेशान हूं। इसपर डॉक्टर ने थोड़ा समझाया और उन्हें फिर दवा देकर भेज दिया। प्रभावित परिवारों के लिए लगे इस मेडिकल कैंप में इस तरह मरीज पहुंच रहे हैं।

लोगों का चेकअप कर रहीं डॉ. पूनम बिष्ट ने बताया कि पिछले सुबह से अब तक उन्होंने 10 मरीज देखे हैं। इनमें पांच मरीज हाईपर टेंशन (उच्च रक्तचाप) से ग्रसित थे। इनमें कुछ मरीज बीपी के पुराने मरीज थे, लेकिन ज्यादातर ऐसे थे, जिनसे बात करके लगा कि उनका बीपी जोशीमठ के मौजूदा हालात के कारण बढ़ा है।

देखा जाए तो कैंप की ओपीडी में 50 फीसदी मरीज हाईपर टेंशन से ग्रसित आ रहे हैं। डॉक्टर ने बताया कि ऐसे मरीजों को दवा तो दे ही रहे हैं, साथ ही उनकी काउंसलिंग भी की जा रही है। क्योंकि दवा से कहीं ज्यादा उनका मानसिक रूप से मजबूत करना जरूरी है। जोशीमठ में ही तैनात डॉ. परमिंदर बताते हैं कि लोगों में हाईपर टेंशन तो समस्या बन रही है।

रोजाना केस सामने आ रहे हैं। आयुवर्ग की बात करें तो 45 से अधिक उम्र के लोग ज्यादा प्रभावित हैं। इसमें भी पीड़ितों में महिलाओं की संख्या ज्यादा है। युवावर्ग थोड़ा मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत है। इसलिए उनमें स्वास्थ्य समस्याएं कम हैं।

उम्रदराज चिंतित, बच्चों को सर्दी-जुकाम 
चमोली के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजीव शर्मा ने बताया कि प्रभावित लोगों के स्वास्थ्य पर फोकस किया जा रहा है। दो आयु वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित है। एक तो बच्चे, जिन्हें ठंड के कारण सर्दी-जुकाम की शिकायत है। दूसरा उम्रदराज और बुजुर्ग लोग हैं। इनमें हाईपर टेंशन की समस्या भी देखी जा रही है। इसके अलावा कुछ पुरानी बीमारी से पीड़ित हैं। कैंप में जो गंभीर मरीज आ रहे हैं, उन्हें सीएचसी में भर्ती कराया जा रहा है। इसके लिए एंबुलेंस तैनात है। 

स्वास्थ्य जांच के लिए छह टीमें बनाईं
जोशीमठ। सीएमओ डॉ. राजीव शर्मा ने बताया कि पीड़ितों को 24 घंटे स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। नगर पालिका परिसर में मेडिकल कैंप (राहत शिविर) के लिए छह टीमें बनाई हैं। प्रत्येक टीम में एक डाक्टर, नर्सिंग स्टाफ और सहायक स्वास्थ्य कर्मचारी की तैनाती है। कैंप में ब्लड सैंपलिंग की भी व्यवस्था की गई है। जिन मरीजों की ब्लड टेस्ट की जरूरत है, उनके सैंपल लेकर अस्पताल भेजे जा रहे हैं। सभी जरूरी दवाइयां उपलब्ध हैं।

सता रही अपने भविष्य की चिंता
अपनी जन्मभूमि और मातृभूमि को बर्बाद होते देखने का बड़ा आघात लोगों के मनमस्तिष्क पर पड़ रहा है। जोशीमठ में एक तो वे लोग हैं चिंता से ग्रसित हैं, जिनका मकान, होटल, दुकान दरार आने से क्षतिग्रस्त हो गया है। ऐसे लोग जो दूसरी जगहों पर शरण लिए हुए हैं, वे इस चिंता में हैं इस हालात से कैसे बाहर निकलें।

हमारा भविष्य क्या होगा, कैसे होगा। कब तक कैसे ऐसे रहेंगे। आगे कहां जाएंगे। ऐसे लोग बात करते हुए बहुत भावुक भी हो उठते हैं। दूसरे वे लोग हैं, जिनके घरों में दरार आने की शुरुआत हुई है। वे रातभर सो नहीं पा रहे हैं। दरार बढ़ न जाए, बढ़ेगी तो क्या होगा, इस बैचेनी में उनकी रातों की नींद उड़ी हुई है।

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