चीन में कोरोना ने कोहराम मचा रखा है। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों ने दुनिया भर के देशों की चिंता बढ़ा दी है। हालात बदतर होते जा रहे हैं और जिस तरह की तस्वीरें सामने आ रही हैं वो डराने वाली हैं। अस्पतालों के कॉरिडोर में ही मरीजों की मौत हो रही है। मुर्दाघरों में शवों को रखने की जगह नहीं है। चीन में कोरोना संक्रमण से हे रही मौतें के बीच शवदाह गृह के कर्मचारियों की तरफ से इस तरह की जानकारी भी सामने आई है जिसमें कहा गया है कि शंघाई में प्रतिदिन औसतन शवों की संख्या 90 से बढ़कर 400 से 500 के बीच हो गई है।

चीन में मरीज बेहाल
चीन में पिछले महीने सख्त लॉकडाउन के विरोध में हुए प्रदर्शनों के बाद पाबंदियों में ढील दी गई थी। इसके बाद देश में कोविड संक्रमण बेकाबू हो गया है। आशंका है कि एक दिन में लाखों लोग संक्रमित हो रहे हैं। चीन के दक्षिणी-पश्चिमी शहर चेंगदू के सबसे बड़े अस्पताल हुआक्सी के स्टाफ ने बताया कि वो कोविड मरीजों के चलते बहुत ज्यादा व्यस्त हैं। एक कर्मचारी ने बताया कि आपातकालीन विभाग के अंदर और बाहर लंबी कतारें लगी रहती हैं। एंबुलेंस से आने वाले ज्यादातर मरीजों को आक्सीजन लगानी पड़ रही है। अस्पताल में कोविड उपचार संबंधी दवाओं का स्टाक नहीं है। यहां केवल सर्दी-खांसी जैसे लक्षणों के लिए दवाएं दी जा सकती हैं।
सख्त हैं नियम
गौरतलब है कि, चीन में कोरोना वायरस से हुई मौत की पुष्टि के लिए जो नियम बनाए गए हैं वो बेहद सख्त हैं। इसके तहत मौत के बाद मरीज के फेफड़ों में कोरोना वायरस के कारण नुकसान की पुष्टि होना जरूरी है। मौत के बाद मरीज के शव को छिपाने के चक्कर में उनके फेफड़ों और श्वसन तंत्र की जांच नहीं की जा रही है। सबूतों के अभाव में और सरकारी दबाव के कारण डॉक्टर भी मौतों को सामान्य बता रहे हैं।
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