सशक्त उत्तराखंड25 चिंतन शिविर में सीएम पुष्कर सिंह धामी और मुख्य सचिव डा. एसएस संधु ने अफसरों को कार्यप्रणाली में सुधार और तेजी लाने का साफ संदेश दिया था। जिन विभागों में अफसरों की ढुलमुल कार्यप्रणाली के आधार पर सीएम और सीएस ने ये चिंता जाहिर की, उनमें शिक्षा विभाग भी प्रमुखता से शामिल है।

सीएम हेल्पलाइन समेत तीन पोर्टलों पर लंबित शिकायतों के अंबार को देखते हुए लापरवाह अफसरों को शिक्षा विभाग ने कड़ी चेतावनी जारी की है। शिकायत के निस्तारण के साथ ही संबंधित शिकायतकर्ता को फोन कर बात की जाएगी। उसके संतुष्ट होने पर ही शिकायत को निस्तारित माना जाएगा।
सूत्रों के अनुसार माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने अधिकारियों को हिदायत दी है कि हर अधिकारी को अपने तय समय के भीतर शिकायत निरस्तारण करना है। यदि कोई अधिकारी बिना शिकायत का समाधान किए ही इसे आगे बढ़ाएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
ज्यादा शिकायतें
देहरादून – 357
हरिद्वार- 295
चंपावत – 119
कम शिकायतें
बागेश्वर-06
रुद्रप्रयाग-10
पिथौरागढ़-18
शिक्षा विभाग संबंधी शिकायतों का निस्तारण बेहद सुस्त
सीएम हेल्पलाइन, केंद्रीयकृत जनशिकायत निस्तारण और निगरानी सिस्टम (सीपीग्रेम्स) और सीएम लेटर मॉनिटरिंग सिस्टम पर दर्ज होने वाली शिकायतों को समाधान की प्रक्रिया बेहद सुस्त है। सीएम से जुड़े तीनों सिस्टम पर 23 नवंबर तक रिपोर्ट के अनुसार शिक्षा विभाग में विभिन्न स्तर पर 1259 प्रकरण में अधर में लटके हुए हैं। लंबे समय से इन पर कार्रवाई नहीं हुई। वेतन विसंगति, पेंशन, शिक्षक कमी से जुड़े हैं मामले सरकारी शिकायत निवारण पोर्टलों पर सबसे ज्यादा शिकायतें शिक्षकों की वेतन विसंगति, पेंशन-जीपीएफ प्रकरण, शिक्षकों की कमी से संबंधित हैं।
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