दहेज हत्या के एक मामले के सत्र-विचारण के दौरान अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम पुनीत कुमार गर्ग के कोर्ट ने मीनापुर थानाध्यक्ष से पूछा है कि क्यों नहीं आपका एक महीने का वेतन रोक दिया जाए। इस मामले में हिस्टोपैथोलाजी व बिसरा जांच रिपोर्ट दाखिल नहीं करने पर कोर्ट ने उनसे इस तरह की कारण पृच्छा की है। कोर्ट ने सुनवाई के लिए तिथि 30 नवंबर तय की है।

महिला का शव दफन करने का आरोप
गायघाट थाना क्षेत्र के बेरूआ गांव के सहज पासवान ने मीनापुर थाना में 23 सितंबर 2018 को मीनापुर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें दामाद दिलीप पासवान, उसके पिता प्रभु पासवान व मां ललिता देवी को आरोपित बनाया था। उसने कहा था कि उसकी बेटी विभा देवी की शादी वर्ष 2017 में मीनापुर थाना के चकजमाल गांव के दिलीप पासवान के साथ हुई थी। उसकी बेटी की ससुराल वाले दहेज में बाइक के लिए उसे प्रताड़ित करते थे। 22 सितंबर 2018 को उसे सूचना मिली कि बेटी के ससुराल वालों ने हत्या कर शव को गायब कर दिया है।
पुलिस को नहीं सौंपी गई जांच रिपोर्ट
24 सितंबर को पुलिस ने बगल के मधुबनी गांव के चौर में एक ईंट-भठ्ठा के निकट खेत में दफन किया गया शव निकाला। श्रीकृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक ने मौत के सही कारणों का पता लगाने के लिए हिस्टोपैथोलाजी व बिसरा जांच की आवश्यकता जताई। पुलिस की ओर से यह जांच रिपोर्ट कोर्ट में नहीं सौंपी गई। इसके कारण मामले के सत्र-विचारण में देरी हो रही है। इसको लेकर कोर्ट की ओर से एसएसपी के माध्यम से मामले के विवेचक व थानाध्यक्ष को निर्देश दिया गया। इस निर्देश के आलोक में शुक्रवार को मीनापुर थाना के पुलिस अधिकारी हरेंद्र राय कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुए।
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