तेज़ भागने या फिर सीढ़ियां चढ़ने से हमारे लिए कुछ देर सांस लेना मुश्किल हो जाता है। हालांकि यह दिक्कत कुछ देर में ही ठीक हो जाती है। ऐसे में यह भी जान लें कि सांस लेने में दिक्कत किन कारणों की वजह से आती है।
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सांस लेने में कठिनाई होना, एक ऐसी स्थिति है, जिसमें एक व्यक्ति को पूरी तरह सांस लेने में दिक्कत आती है और कई बार वह सांस लेने से जूझता है। आप ऐसा अक्सर तब महसूस करते हैं, जब सीढ़ियां चढ़ते हैं, या तेज़ दौड़ लगाने के बाद सांस फूलती है। यह स्थिति हमेशा गंभीर नहीं होती, लेकिन अगर आप अक्सर इससे जूझते हैं, तो आपको अपने दिल और फेफड़ों की जांच ज़रूर करवानी चाहिए।
सांस लेने में दिक्कत किन कारणों की वजह से होती है?
सांस लेने में दिक्कत होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। एलर्जी से लेकर दिल की बीमारियों तक, इस स्थिति के पीछे की वजह कई हो सकती हैं। इसिलए अगर आपको सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है, तो आपको फौरन डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। आइए एक नज़र डालें कि सांस लेने में कठिनाई किन कारणों की वजह से हो सकती है।
अस्थमा: यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें वायुमार्ग सूज जाते हैं और संकीर्ण हो जाते हैं। इससे सांस लेने में दिक्कत हो सकती है और सांस लेने में तकलीफ भी हो सकती है। अस्थमा का कोई इलाज उपलब्ध नहीं है, सिर्फ इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है।
निमोनिया: यह एक ऐसा संक्रमण है जो फेफड़ों की वायुकोषों में सूजन पैदा करता है। थैली में तरल पदार्थ या मवाद भरा हो सकता है, जिससे खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। वायरस, बैक्टीरिया, कवक और अन्य जीव निमोनिया का कारण बन सकते हैं। निमोनिया का अगर वक्त रहते इलाज न किया जाए, तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है।
COPD: क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, में फेफड़ों में सूजन आ जाती है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है। इस स्थिति के लक्षणों में सांस लेने में कठिनाई, घरघराहट और खांसी हो सकती है। जो लोग स्मोक करते हैं, उनमें COPD का जोखिम बढ़ जाता है।
मोटापा: यह ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में फैट्स की मात्रा काफी ज़्यादा हो जाती है। इसकी वजह से कई तरह की बीमारियां होने लगती है, जैसे दिल के रोग से लेकर कैंसर तक। सांस फूलने की वजह मोटापा भी हो सकता है। इसलिए ज़रूरी है कि शरीर के फैट्स को कम किया जाए।
कोरोना वायरस: आज की स्थिति देखते हुए, अगर किसी को सांस लेने में दिक्कत आती है, तो उसे फौरन कोविड टेस्ट करवाना चाहिए। सांस न ले पाना कोविड का अहम लक्षण है। इस लक्षण को नज़रअंदाज़ करना जानलेवा साबित हो सकता है।
हार्ट फेलियर: यह स्थिति तब होती है, जब हृदय की मांसपेशियां रक्त को पंप नहीं करती हैं, जिससे अंततः रक्त वापस ऊपर आ जाता है और तरल पदार्थ फेफड़ों में जमा होने लगता है, जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है।
दिल का दौरा: सांस फूलना दिल के दौरे के शुरुआती लक्षणों में से एक है। दिल का दौरा तब होता है, जब रक्त का प्रवाह अवरुद्ध या कम हो जाता है। यह आमतौर पर हृदय की धमनियों में वसा और कोलेस्ट्रॉल के निर्माण का परिणाम होता है।