सूखे से प्रभावित किसानों की मदद के लिए राज्य सरकार ने फसल राहत योजना के तहत जिलों से आवेदन मांगे थे। इसके लिए पोर्टल की शुरुआत की गई थी। अगस्त से शुरू होकर यह प्रक्रिया सितंबर तक चली। 15 सितंबर आवेदन की आखिरी तारीख थी। बावजूद निबंधन और आवेदन की प्रक्रिया जारी थी, लेकिन सरकार ने अब इस पोर्टल को बंद कर दिया है। अब निबंधित किसानों को राहत का इंतजार है।
बता दें कि राज्य में कुल निबंधित किसान 38 लाख हैं। अंतिम सूचना मिलने तक प्रदेश के लगभग 20 लाख किसानों ने पोर्टल के जरिए निबंधन और आवेदन किया है। सुखाड़ से प्रभावित अब इन किसानों को उम्मीद है कि सरकार से राहत मिलने के बाद रबी की खेती में मदद मिलेगी। यह भी बता दें कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को बंद कर हेमंत सरकार ने इस योजना के माध्यम से प्रभावित किसानों को वित्तीय राशि प्रदान करने का निर्णय लिया है। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को पहले आवेदन की प्रक्रिया पूरी करनी थी।
प्रमुख प्रावधान
– योजना का लाभ लेने के लिए कोई प्रीमियम नहीं देना है, किसी प्रकार का शुल्क भी नहीं देना होगा
– 30 से 50 फीसदी तक फसल क्षति होने पर आवेदक को प्रति एकड़ 3000 रुपये सहायता दी जाएगी
– 50 प्रतिशत से अधिक फसल की क्षति होने पर प्रति एकड़ 4000 रुपये सहायता राशि दी जाएगी
योजना के लाभ
– किसानों को नष्ट फसल के लिए मुआवजा मिलेगा
– पीड़ित किसानों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं बढ़ेगा
– फसल के लिए गए ऋण को भी माफ करने की योजना है
– योजना उन्हें मिलेगा, जो फसल बीमा योजना का लाभ नहीं ले रहे हैं