लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में युवा समाजवादी नेता प्रभात गुप्ता हत्याकांड की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में होनी थी। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री के खिलाफ सरकार की अपील पर मंगलवार को सुनवाई टल गई। मंत्री के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि वर्तमान अपील के स्थानांतरण सम्बंधी उनकी विशेष अनुमति याचिका पर चार सप्ताह के भीतर सुनवाई हो सकती है लिहाजा मामले में अग्रिम तिथि दी जाए। मामले के वादी पक्ष की ओर से इसका विरोध किया गया।
न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा व न्यायमूर्ति रेनू अग्रवाल की खंडपीठ ने मामले में अग्रिम तिथि 17 अक्तूबर नियत करते हुए, स्पष्ट किया कि अगली तिथि पर एसएलपी के मात्र लंबित रहने के आधार पर सुनवाई को टाला नहीं जाएगा। सुनवाई के दौरान मंत्री व वादी के अधिवक्ताओं के बीच कई बार तीखी नोक झोंक की स्थिति भी उत्पन्न हुई।
जानें पूरा मामला
8 जुलाई साल 2000 को लखीमपुर के तिकुनिया क्षेत्र के बनवीरपुर गांव में प्रभात गुप्ता की हत्या हुई। प्रभात गुप्ता मर्डर केस में पिता संतोष गुप्ता ने मौजूदा समय में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के साथ शशि भूषण, राकेश डालू और सुभाष मामा को हत्या में नामजद आरोपी बनाया। आरोप लगाया गया कि प्रभात गुप्ता को दिन दहाड़े बीच रास्ते में पहली गोली अजय मिश्रा ने उसकी कनपटी पर मारी और दूसरी गोली सुभाष मामा ने प्रभात के सीने में मारी थी, जिसके बाद प्रभात गुप्ता की मौके पर ही मौत हो गई।