इस झंडे के डिजाइन की बात करें तो इसमें मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज का सम्मान नजर आता है. कहा जाता है कि शिवाजी के पास भी एक नौसैनिक बेड़ा था. यहां भारतीय नौसेना के नए झंडे पर पांच नवीनतम तथ्य जोड़े गए हैं. नए ध्वज के ऊपरी कैंटन पर राष्ट्रीय ध्वज है. राष्ट्रीय प्रतीक के साथ एक नीला अष्टकोणीय आकार एक लंगर के ऊपर बैठता है, जो नौसेना के आदर्श वाक्य के साथ ढाल पर लगाया जाता है.
भारतीय नौसेना के लिए शुक्रवार का दिन बेहद खास रहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन के बाद उसे दो नई चीजें मिलीं औऱ दोनों का बहुत खास महत्व है. पहली चीज तो रही देश में निर्मित एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत, जो कई मायनों में खास है और आत्मनिर्भर भारत की तस्वीर बयां करता है. इसके दबाद दूसरी चीज रही नौसेना का नया झंडा. पीएम ने नौसेना के नए झंडे को भी रिलीज किया. पुराना झंडा अंग्रेजों के जमाने का था और इसे गुलामी से जोड़कर देखा जा रहा था. ऐसे में नया झंडा नौसेना के पताके को और लहराएगा.
मराठा साम्राज्य का किया गया है सम्मान
अगर इस झंडे के डिजाइन की बात करें तो इसमें मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज का सम्मान नजर आता है. कहा जाता है कि शिवाजी के पास भी एक नौसैनिक बेड़ा था. यहां भारतीय नौसेना के नए झंडे पर पांच नवीनतम तथ्य जोड़े गए हैं. नए ध्वज के ऊपरी कैंटन पर राष्ट्रीय ध्वज है. राष्ट्रीय प्रतीक के साथ एक नीला अष्टकोणीय आकार एक लंगर के ऊपर बैठता है, जो नौसेना के आदर्श वाक्य के साथ ढाल पर लगाया जाता है.
शिवाजी वीरता को दिखाता है नया झंडा
नौसेना ने नए ध्वज को प्रदर्शित करते हुए वीडियो में कहा, “जुड़वां सुनहरी सीमाओं के साथ अष्टकोणीय आकार महान भारतीय सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज की मुहर से प्रेरणा लेता है, जिनके दूरदर्शी समुद्री दृष्टिकोण ने एक विश्वसनीय नौसैनिक बेड़े की स्थापना की.” छत्रपति शिवाजी महाराज के नौसेना बेड़े में “60 युद्धपोत और लगभग 5,000 पुरुष शामिल थे. शिवाजी महाराज की अवधि के दौरान बढ़ती मराठा नौसैनिक शक्ति बाहरी आक्रमण के खिलाफ समुद्र तट को सुरक्षित करने वाली पहली सेना थी,”
‘अभी तक गुलामी की निशानी में थे’
नौसेना ने कहा कि नीली अष्टकोणीय आकृति भारतीय नौसेना की बहुआयामी पहुंच और बहुआयामी परिचालन क्षमता के प्रतीक आठ दिशाओं का प्रतिनिधित्व करती है. नौसेना ने कहा कि लंगर का प्रतीक “दृढ़ता” का प्रतिनिधित्व करता है. आईएनएस विक्रांत को चालू करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आज तक भारतीय नौसेना के झंडों में गुलामी की निशानी थी, जिसे छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरित एक नए झंडे से बदल दिया गया है.” पुराने पताका में लाल सेंट जॉर्ज क्रॉस था, जो भारत के औपनिवेशिक अतीत से जुड़ा हुआ था.