प्रदेश के हजारों किसानों के लिए राहत की खबर है। किसानों को सिंचाई के लिए अब कर नहीं देना होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, भोजन माताओं और आशाओं की मांगों पर विचार के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है।
प्रदेश में साढ़े तीन लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई के लिए किसान राज्य सरकार को कर देते हैं। मुख्यमंत्री ने इस कर पर रोक लगा दी है। किसान अब बिना कर दिए अपने खेतों की सिंचाई कर सकेंगे। पहाड़ में छोटी जोत के हजारों किसान भी इससे लाभान्वित होंगे।
जबकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, भोजन माताओं और आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की लंबित मांगों पर विचार के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी गई है। कमेटी इनकी मांगों पर विचार कर सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। राज्य में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता राज्य कर्मचारी घोषित करने समेत अन्य मांगों को लेकर पूर्व में आंदोलन कर चुकी हैं।
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