जिले में 21 वर्षीय लेफ्टिनेंट का रविवार को राजकीय सम्मान के साथ संस्कार किया गया। अक्षत स्वामी की शनिवार को जालंधर में धुंध के कारण कार पलटने से जान चली गई थी। रविवार को अक्षत का पार्थिव शरीर गवर्नमेंट कॉलोनी स्थित घर पर लाया गया। इसके बाद बस स्टैंड के पास श्मशान घाट में चचेरे भाई नवीन ने मुखाग्नि दी। अक्षत परिवार के इकलौते बेटे थे। उनकी बहन अक्षिता स्वामी जॉर्जिया में MBBS की पढ़ाई कर रही है। अक्षत जब 17 साल के थे तो उनका NDA में चयन हुआ था। इसके बाद 4 साल तक उनकी ट्रेनिंग हुई। कुछ महीने पहले ही अक्षत लेफ्टिनेंट बने थे। इनकी पहली तैनाती जालंधर में सिख रेजिमेंट में हुई थी। 2 दिन के बाद ही अक्षत की मध्य प्रदेश में पोस्टिंग होनी थी।
अक्षत शुक्रवार की शाम को चचेरे भाई नवीन से अक्षत की फोन पर बात हुई थी। अक्षत अक्टूबर महीने में रिश्तेदारी की शादी के लिए छुट्टी लेकर आया था। 16 अक्टूबर को वह लौट गया था। नवीन ने उसे कहा था कि भाई छुट्टी लेकर मिलने के लिए घर आ जाओ। लेकिन हादसे में उसकी जान चली गई। इसके बाद बेटे का शव लेने पिता प्रकाश स्वामी, मां सोनी स्वामी, पार्षद जय प्रकाश, सुरेश कुमार सहित अन्य रिश्तेदार जालंधर पहुंचे थे। परिवार के अन्य लोग भी देश के लिए सेवाएं दे रहे अक्षत अपने पिता और रिश्तेदारों से प्रेरित होकर देश सेवा के लिए सेना में भर्ती हुए थे।
पिता प्रकाश स्वामी मूलतः बासड़ा गांव के हैं जो काफी वर्षों तक यूएन नाटो में सेवाएं दे चुके हैं। अब प्रॉपर्टी खरीदने व बेचने का काम करते हैं। चचेरे भाई नवीन और मोहित नेवी/मर्चेंट नेवी में सेवारत हैं। फूफा पवन बॉक्सिंग के खिलाड़ी रहे तो उनका सेना में चयन हुआ था। फूफा हंसराज व ऋषि भी नेवी/मर्चेंट नेवी में बतौर ऑफिसर सेवाएं दे चुके हैं।