भू-धंसाव का संकट झेल रहे जोशीमठ में मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। शनिवार रात नगर के सिंहधार वार्ड और नेशनल हाईवे पर आयी नई दरारों से लोगों में डर और बढ़ गया है। चिंता की बात यह भी है कि नई दरारें, लकीर के पैटर्न में आ रही हैं। रविवार को प्रधानमंत्री कार्यालय में उप सचिव मंगेश घिल्डियाल ने अधिकारियों के साथ प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया।
भू-धंसाव को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरनंद की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार(आज)को सुनवाई होगी। वहीं, बदरीनाथ के रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने जोशीमठ में परियोजनाएं रोकने का आग्रह किया है। शनिवार रात लोनिवि गेस्ट हाउस से सिंहधार गल्ला गोदाम तक बदरीनाथ नेशनल हाईवे में 50 से ज्यादा जगहों पर दरारें आ गईं।
पुरानी दरारें एक से दो इंच तक चौड़ी हो गईं। सिंहधार निवासी सूरज सिंह ने बताया कि उनके मकान में आयी हल्की दरारें, शनिवार रात एक से दो इंच तक चौड़ी हो गईं। हिमालयन होटल के मालिक मो.सिद्दिकी ने बताया कि उनके होटल, घर और सामने की सड़क पर भी आठ नई दरारें आ गई हैं।
परियोजनाएं रोकने की मांग कन्नूर (केरल): बदरीनाथ मंदिर के रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने जोशीमठ में प्रकृति व लोगों को नुकसान पहुंचाने वाली परियोजनाओं को रोकने के लिए सरकार से अनुरोध किया है। उन्होंने कहा-‘हम धरती माता की पूजा करते हैं। जोशीमठ की घटनाएं चिंतनीय हैं। पृथ्वी की दृष्टि से हानिकारक विकास परियोजनाओं को रोका जाना चाहिए।’
दरारों का बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है। ऐसे क्षेत्रों को चिह्नित किया जा रहा है, जहां दरारें एक लाइन से विकसित हो रही हैं। यदि दरारें आपस में मिलती हैं तो यह चिंताजनक हो सकता है।