नेपाल के नापाक इरादे भारत पर फायर नहीं हो सकेंगे। नेपाली युवकों द्वारा पत्थरबाजी की घटना के बाद भारत ने सख्ती की है। भारत-नेपाल के बीच सोमवार को विवाद और बढ़ गया। रविवार को नेपाल की तरफ से हुई पत्थरबाजी से आक्रोशित धारचूला के व्यापारियों ने सोमवार सुबह एसएसबी के जवानों को पुल नहीं खोलने दिया।

इससे दोनों तरफ बड़ी संख्या में लोग फंस गए। व्यापारियों का कहना था कि पत्थरबाजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए तभी पुल खुलेगा। हालांकि बाद में प्रशासनिक अधिकारियों के आश्वासन पर व्यापारी मान गए। करीब सवा दो घंटे बाद पुल खुलने पर लोगों ने राहत की सांस ली।
धारचूला में नेपाल को जोड़ने वाला झूलापुल सुबह साढ़े छह बजे खोला जाता है। लेकिन सोमवार को व्यापारियों ने एसएसबी के जवानों को पुल नहीं खोलने दिया। करीब सवा दो घंटे तक सुरक्षा कर्मी प्रदर्शनकारियों को मनाते रहे, लेकिन व्यापारी नेपाल के खिलाफ नारेबाजी करते रहे।
बाद में एसडीएम दिवेश शासनी ने व्यापारियों को भरोसा दिया कि जल्द नेपाली अफसरों से मिलकर विवाद का स्थायी हल निकाला जाएगा। इसके बाद करीब 8:40 बजे व्यापारी पुल खोलने को तैयार हुए।
नेपाली संगठनों ने लगाया भारत पर अतिक्रमण का आरोप: नेपाल की तरफ से पत्थरबाजी के दूसरे दिन भी वहां के लोगों के तेवर ठंडे नहीं पड़े। उन्होंने भारत पर ही उल्टा नेपाल की जमीन कब्जाने और पत्थरबाजी का आरोप लगाते हुए नेपाल सरकार को पत्र भेजा है। नेपाल के अखिल राष्ट्रीय स्वतंत्र विद्यार्थी यूनियन ने इस मामले में पत्र भेजकर भारत पर नेपाल की जमीन कब्जाने के आरोप लगाए हैं।
सुबह पुल बंद होने से दोनों तरफ अफरा-तफरी का माहौल रहा।
दोनों देशों से बड़ी संख्या में कारोबारी और पेंशनर्स का आना जाता रहता है। पुल बंद होने से बड़ी संख्या में लोग फंसे गए। करीब सवा दो घंटे के बाद पुल ख्ुालने के पर आवाजाही शुरू होने के बाद लोगोंे ने राहत की सांस ली।
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