कोरोना के दौरान लागू की गई एबीआरवाई का लाभ लेने वाली कंपनियों की जांच शुरू हो गई है। सरकार से कर्मचारियों के पीएफ अंशदान की रकम लेने वाली कंपनियों का सत्यापन किया जा रहा है। कर्मचारियों के दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून की टीम आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई) का लाभ लेने वाली फर्मों का सत्यापन कर रही है।

फर्मों से कर्मचारियों से संबंधित दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। दरअसल, कोरोना महामारी के दौरान देश में करोड़ों लोगों की नौकरी चली गई थी। रोजगार के अवसर कम हो गए थे। ऐसे में सरकार ने एबीआरवाई को लागू किया। इसके तहत कंपनियों को रोजगार के मौके बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। देशभर में डेढ़ लाख संस्थानों के करीब 59 लाख कर्मचारी इस योजना का लाभ उठा रहे हैं।
योजना के तहत केंद्र सरकार 15 हजार रुपये से कम वेतन वाले कर्मचारियों का 24 महीने तक पीएफ अशंदान वहन करती है। कंपनी और कर्मचारी का अंशदान ईपीएफओ के जरिये सीधे कर्मचारी के यूएएन खाते में जमा होता है।
योजना का लाभ उन कर्मचारियों को मिल रहा है, जिन्हें एक अक्तूबर 2020 से 31 मार्च 2022 की अवधि में नौकरी मिली हो। आशंका है कि कुछ फर्मों ने फर्जी कर्मचारी दिखाकर फर्जीवाड़ा किया है। शक यह भी है कि कंपनी में परिवार के सदस्यों को कर्मचारी दिखाकर पीएफ अंशदान की रकम ली गई हो।
यूपी में पकड़ा जा चुका है फर्जीवाड़ा: जानकारी के अनुसार, यूपी में एबीआरवाई में फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है। यहां हाल ही में कानपुर में कुछ कंपनियां चिह्नित की गईं, जिनपर आरोप है कि इन्होंने फर्जी कर्मचारी दिखाकर सरकार से पीएफ अंशदान की राशि ली।
शक है कि कुछ फर्मों ने फर्जी कर्मचारी दिखाकर योजना का लाभ उठाया है। इसे देखते हुए एबीआरवाई का लाभ लेने वाली कंपनियों का सत्यापन किया जा रहा है। जांच में अगर कोई मामला पकड़ा जाता है तो नियमानुसार कार्रवाई होगी।
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