सानन्दमानन्दवने वसन्तं, आनन्दकंदं हतपापवृंदम्। वाराणसीनाथमनाथनाथं श्रीविश्वनाथं शरणं प्रपद्ये…अर्थात जो भगवान शंकर आनंदवन काशी क्षेत्र में आनंदपूर्वक निवास करते हैं, जो परमानंद के निधान व आदिकारण हैं और जो पाप समूह का नाश करने वाले हैं, मैं ऐसे अनाथों के नाथ काशीपति श्री विश्वनाथ की शरण में जाता हूं। इसी कामना …
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