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कोलकाता के अस्पताल ने बांग्लादेशी मरीजों का इलाज करने से किया इनकार

कोलकाता के मनिकतला स्थित जेएन रे अस्पताल ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह बांग्लादेशी मरीजों का इलाज अनिश्चितकाल के लिए बंद कर देगा। यह फैसला बांग्लादेश में कथित रूप से हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचार और भारतीय तिरंगे के अपमान की घटनाओं के विरोध में लिया गया है।

अस्पताल के एक अधिकारी, शुभ्रांशु भक्त ने कहा, “आज से हम किसी भी बांग्लादेशी मरीज को भर्ती नहीं करेंगे। यह हमारे देश के तिरंगे के अपमान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ हमारा विरोध है।” उन्होंने अन्य अस्पतालों से भी अपील की कि वे इस फैसले का समर्थन करें और इसी तरह का कदम उठाएं।

चटगांव में हिंदू मंदिरों पर हमला

इस बीच, बांग्लादेश के चटगांव में हिंदू मंदिरों पर हुए हमलों ने भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव बढ़ा दिया है। शुक्रवार को हरिश चंद्र मुंसेफ लेन इलाके में तीन हिंदू मंदिरों—शांतनेश्वरी मातृ मंदिर, शनि मंदिर, और शांतनेश्वरी कालीबाड़ी मंदिर पर एक उग्र भीड़ ने हमला कर दिया।

बांग्लादेशी समाचार पोर्टल BDNews24.com के अनुसार, यह हमला दोपहर 2:30 बजे हुआ, जब सैकड़ों की संख्या में लोग नारे लगाते हुए मंदिरों पर ईंटें फेंकने लगे। कोतवाली थाना प्रभारी अब्दुल करीम ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि हालांकि नुकसान बहुत बड़ा नहीं हुआ, लेकिन इलाके में स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई।

मंदिर समिति के सदस्य तपन दास ने बताया, “जुमे की नमाज़ के बाद सैकड़ों लोगों का एक जुलूस मंदिरों के पास आया और उन्होंने हिंदू-विरोधी और इस्कॉन-विरोधी नारे लगाए। जब स्थिति खराब हो गई, तो हमने सेना को बुलाया। उनकी मौजूदगी से स्थिति पर नियंत्रण पाया गया।”

चक्रवात फेंगल और बांग्लादेश में हिंसा के बीच बढ़ता तनाव

यह हमले उस समय हुए हैं, जब बांग्लादेश में इस्कॉन के पूर्व सदस्य और आध्यात्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास की राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तारी के बाद से हिंदू समुदाय में विरोध प्रदर्शन जारी है। उनकी गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश के ढाका, चटगांव, और अन्य क्षेत्रों में व्यापक प्रदर्शन हुए हैं।

भारत की प्रतिक्रिया

भारत सरकार ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों पर गहरी चिंता व्यक्त की है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में कहा कि ढाका को अपने सभी नागरिकों, विशेष रूप से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “चरमपंथी बयानबाजी और हिंसा में वृद्धि अस्वीकार्य है। यह बांग्लादेश की जिम्मेदारी है कि वह अपने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।”

इस बीच, बांग्लादेश ने कोलकाता में अपने डिप्टी हाई कमीशन के बाहर हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर चिंता व्यक्त की है और भारत से अपने राजनयिक मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है।

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