महाराष्ट्र और झारखंड में हुए चुनावों की मतगणना के शुरुआती रुझानों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)-नेतृत्व वाली महायुति महाराष्ट्र में सत्ता बरकरार रखने की ओर बढ़ती दिख रही है। चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार, महाराष्ट्र की 288 सीटों में से महायुति ने 205 सीटों पर बढ़त बनाई है। वहीं, झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम)-नेतृत्व वाला गठबंधन 81 सीटों में से 31 पर आगे है।
महाराष्ट्र में महायुति का प्रदर्शन:
महाराष्ट्र में बीजेपी 115 सीटों पर, शिवसेना (शिंदे गुट) 56 सीटों पर और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) 34 सीटों पर आगे है। विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के दलों में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) 20 सीटों पर, कांग्रेस 11 सीटों पर और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) 2 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। समाजवादी पार्टी भी 2 सीटों पर आगे है।
झारखंड में जेएमएम गठबंधन की बढ़त:
झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा 31 सीटों पर, बीजेपी 24 सीटों पर और कांग्रेस 12 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) 6 सीटों पर, आजसू पार्टी (AJSUP) 2 सीटों पर, मार्क्सवादी-लेनिनवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPI(ML)(L)) 2 सीटों पर और जनता दल (यूनाइटेड) 1 सीट पर आगे है। झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा ने भी 1 सीट पर बढ़त बनाई है।
चुनावी घटनाक्रम:
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को एक चरण में चुनाव हुए थे, जबकि झारखंड में 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में मतदान हुआ था। एग्जिट पोल्स ने महाराष्ट्र में महायुति को बढ़त दिखा दी थी। एमवीए भ्रष्टाचार और अन्य मुद्दों के आधार पर वापसी की उम्मीद कर रही थी, जबकि बीजेपी ने हरियाणा की अप्रत्याशित जीत की लय को जारी रखने का लक्ष्य रखा था।
अन्य उपचुनावों की स्थिति:
15 राज्यों में 48 विधानसभा सीटों और 2 लोकसभा सीटों के उपचुनावों की भी मतगणना चल रही है। केरल के वायनाड लोकसभा सीट पर ध्यान केंद्रित है, जिसे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रायबरेली सीट रखने के लिए खाली किया था। प्रियंका गांधी वाड्रा, जो पहली बार चुनाव लड़ रही हैं, वायनाड में बढ़त बनाए हुए हैं।
विधानसभा उपचुनाव उत्तर प्रदेश की 9, राजस्थान की 7, पश्चिम बंगाल की 6, असम की 5, पंजाब और बिहार की 4-4, कर्नाटक की 3, मध्य प्रदेश और केरल की 2-2 और छत्तीसगढ़, गुजरात, उत्तराखंड और मेघालय की 1-1 सीट पर हुए।
यह चुनाव परिणाम महाराष्ट्र और झारखंड की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत दे रहे हैं।