हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के एग्जिट पोल्स ने कांग्रेस के लिए बड़ी बढ़त का संकेत दिया है, जहां पार्टी को 44 से 64 सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है, जबकि बीजेपी 15 से 32 सीटों तक सिमट सकती है। जम्मू-कश्मीर में भी कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) गठबंधन को बढ़त मिलती दिख रही है। दोनों राज्यों के नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे, जिससे यह साफ हो जाएगा कि कौन सी पार्टी सत्ता में आएगी।
हरियाणा में 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है। बीजेपी तीसरी बार सत्ता में आने के लिए संघर्ष कर रही है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, जो इस साल मनोहर लाल खट्टर की जगह मुख्यमंत्री बने थे, पार्टी की अगुवाई कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा सत्ता में वापसी की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित नहीं किया है, हुड्डा गरही सांपला-किलोई से चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा पहलवान से नेता बनीं विनेश फोगाट भी कांग्रेस की उम्मीदवार के रूप में जुलेना से चुनाव मैदान में हैं। कांग्रेस ने भिवानी सीट अपने INDIA गठबंधन के साथी CPI(M) को दी है ताकि चुनावी समीकरण मजबूत हो सके।
बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुख्य टक्कर के साथ-साथ जन्नायक जनता पार्टी (JJP) और इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) जैसी क्षेत्रीय पार्टियां भी उम्मीद कर रही हैं कि अगर कोई पार्टी बहुमत से दूर रहती है, तो वे सत्ता की चाबी अपने हाथ में रख सकेंगी।
वहीं जम्मू और कश्मीर में इस बार का विधानसभा चुनाव ऐतिहासिक है, क्योंकि यह अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहला चुनाव है। पहली बार पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थी, वाल्मीकि और गोरखा समुदायों को वोट देने का अधिकार मिला है। जम्मू क्षेत्र में जोरदार मतदान देखने को मिला, खासकर उधमपुर, कठुआ और सांबा जिलों में जहां मतदान 70 प्रतिशत से अधिक दर्ज किया गया। कश्मीर में बारामुला और सोपोर जैसे अलगाववादी गढ़ों में भी इस बार मतदान में सुधार देखा गया।
जम्मू-कश्मीर के चुनावी नतीजे इस संघ राज्य क्षेत्र की राजनीतिक दिशा तय करने में महत्वपूर्ण होंगे। एग्जिट पोल्स से यह पता चल रहा है कि क्या नए वोटर्स ने पारंपरिक वोटिंग पैटर्न को बदला है या सत्ता संरचनाएं वैसे ही बनी रहेंगी। India Today CVoter ने जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस-NC गठबंधन को 40-48 सीटें और बीजेपी को 27-32 सीटें मिलने का अनुमान लगाया है।
हालांकि एग्जिट पोल्स हमेशा अंतिम परिणाम का सटीक अनुमान नहीं होते, लेकिन ये जनता के रुझान का एक संकेत जरूर होते हैं। अब 8 अक्टूबर को वोटों की गिनती होगी, तब यह पता चलेगा कि क्या बीजेपी हरियाणा में अपनी पकड़ बनाए रख सकेगी या कांग्रेस सत्ता में वापसी करेगी। और क्या जम्मू-कश्मीर के नए मतदाता शक्ति संतुलन को बदल देंगे?
आखिरी परिणामों का इंतजार करते हुए, एग्जिट पोल्स ने पहले ही राजनीतिक विश्लेषण और चर्चाओं को गरमा दिया है।