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एक देश, एक चुनाव: एक साथ चुनाव कराने के लिए सरकार की बड़ी पहल

‘एक देश, एक चुनाव’ की अवधारणा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चुनावी घोषणापत्रों में लंबे समय से शामिल रही है। यह देश में चुनाव सुधारों का एक अहम हिस्सा माना जाता है। इस योजना के तहत, लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के चुनाव एक साथ कराए जाने की सिफारिश की गई है। अब, केंद्र सरकार ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए एक उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है, जो इस योजना के क्रियान्वयन के लिए बनाई गई थी। इस समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद कर रहे हैं।

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को घोषणा की कि ‘एक देश, एक चुनाव’ को लागू करने के लिए एक कार्यान्वयन समूह का गठन किया जाएगा। यह समूह देशभर में आम सहमति बनाने और विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा करेगा। उन्होंने बताया कि अगले कुछ महीनों में इस योजना पर विभिन्न क्षेत्रों और विशेषज्ञों के साथ गहन विचार-विमर्श किया जाएगा।

अश्विनी वैष्णव के अनुसार, इस योजना को दो चरणों में लागू करने की योजना है। पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ आयोजित किया जाएगा। इसके बाद, दूसरे चरण में, जो पहले चरण के 100 दिनों के भीतर होगा, स्थानीय निकायों के चुनाव भी कराए जाएंगे। यह एक बड़े पैमाने पर चुनाव सुधार होगा, जिससे चुनाव प्रक्रिया में समय और धन की बचत हो सकेगी।

18 संवैधानिक संशोधन और महत्वपूर्ण बदलाव

राम नाथ कोविंद समिति ने इस योजना को लागू करने के लिए 18 संवैधानिक संशोधनों की सिफारिश की है। इन संशोधनों में से अधिकांश को राज्य विधानसभाओं की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी। हालांकि, कुछ महत्वपूर्ण बदलाव, जैसे एकल मतदाता सूची और एकल मतदाता पहचान पत्र, को लागू करने के लिए राज्यों की आधी विधानसभाओं की मंजूरी जरूरी होगी। इसके लिए संविधान संशोधन विधेयकों को संसद से पारित कराना होगा।

कानून आयोग की संभावित रिपोर्ट

इसके अतिरिक्त, कानून आयोग भी जल्द ही अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकता है, जिसमें ‘एक देश, एक चुनाव’ के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस अवधारणा के बड़े समर्थक रहे हैं और इसे देश के चुनावी ढांचे में सुधार लाने के महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।

पीटीआई समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, कानून आयोग यह सिफारिश कर सकता है कि सभी तीन स्तरों की सरकारों – लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, और स्थानीय निकायों (नगर पालिका और पंचायत) के चुनाव 2029 से एक साथ कराए जाएं। इसके अलावा, यदि किसी सदन में त्रिशंकु जनादेश (हंग हाउस) की स्थिति बनती है, तो एकता सरकार का प्रावधान किया जा सकता है।

इस पहल का उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया में स्थिरता और समरूपता लाना है, जिससे बार-बार चुनाव कराने की जरूरत नहीं होगी। इससे न केवल प्रशासनिक कामकाज प्रभावित होगा, बल्कि चुनावी खर्च भी कम होगा और एक मजबूत लोकतांत्रिक ढांचा तैयार होगा।

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