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UPI के बाद अब रिजर्व बैंक ला रहा ULI

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) छोटे और ग्रामीण क्षेत्रों में लोन का आसान प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (ULI) शुरू करने जा रहा है। पिछले साल RBI ने दो राज्यों में प्रौद्योगिकी आधारित आसान लोन सुविधा की पायलट परियोजना शुरू की थी।

शक्तिकांत दास का बयान

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा कि यूएलआई विभिन्न राज्यों के भूमि रिकॉर्ड सहित डेटा सेवा प्रदाताओं से ऋणदाताओं तक डिजिटल जानकारी के सहमति-आधारित निर्बाध प्रवाह की सुविधा प्रदान करेगा।

दास ने ULI को जनधन-आधार और UPI के साथ जोड़कर ‘नई त्रिमूर्ति’ के रूप में वर्णित किया, जो भारत की डिजिटल अवसंरचना यात्रा में एक क्रांतिकारी कदम होगा।

यूपीआई की सफलता

अप्रैल 2016 में पेश की गई यूपीआई ने भारत में खुदरा डिजिटल भुगतान के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और यह एक मजबूत, लागत प्रभावी और पोर्टेबल भुगतान प्रणाली के रूप में उभरा है।

यूएलआई के लाभ

ऋण प्राप्ति का समय कम करेगा: खासकर छोटे और ग्रामीण उधारकर्ताओं के लिए।
प्लग एंड प्ले डिजाइन: यूएलआई को विभिन्न स्रोतों से जानकारी तक डिजिटल पहुंच सुनिश्चित करने के लिए ‘प्लग एंड प्ले’ नजरिये के हिसाब से बनाया गया है, जिससे तकनीकी एकीकरण की जटिलता कम हो जाती है।

कम दस्तावेजीकरण

ऋण लेने वालों को बहुत अधिक दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं होती है।

कृषि और एमएसएमई क्षेत्र पर ध्यान

यूएलआई से कृषि और एमएसएमई जैसे विभिन्न क्षेत्रों में ऋण की अधूरी मांग को पूरा करने की उम्मीद है।

अंतरराष्ट्रीय रुचि

यूपीआई ने दुनियाभर में बड़ी दिलचस्पी पैदा की है और यूएलआई से भी ऐसी ही उम्मीद की जा रही है।

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