Thursday , December 5 2024

यूपी: संघ ने संभाली चुनावी कमान, उपचुनाव में भाजपा के साथ जुटेंगे आरएसएस कार्यकर्ता

लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद से ही भाजपा के भीतर मचे घमासान को थामने के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने अब कमान संभाल ली है। इसी कड़ी में बुधवार को मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ और संघ के सह सर कार्यवाह अरुण कुमार की मौजूदगी में सरकार, संघ और भाजपा संगठन के बीच समन्वय को लेकर एक बड़ी बैठक हुई। जिसमें सरकार और संगठन के बीच बेहतर समन्वय के साथ ही उप चुनाव की रणनीति, निकायों और बोर्डों में पार्टी पदाधिकारियों की नियुक्ति समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में तय हुआ है कि उप चुनाव में भाजपा के साथ संघ कार्यकर्ताओं को भी तैयारियों में भागीदार बनाया जाए।

सूत्रों के मुतबिक सीएम आवास पर करीब ढाई घंटे तक हुई बैठक में सबसे अधिक चर्चा सरकार और संगठन के कद को लेकर छिड़ी रार को लेकर हुई। संघ की ओर से इस बात पर चिंता जताई जताई गई कि अगर यही स्थिति रही तो आगे के सियासी सफर में सबसे अधिक नुकसान भाजपा को उठाना पड़ सकता है। सूत्रों का कहना है कि संघ ने नेताओं को ऐसी स्थिति से बचने की सलाह दी है। बैठक में उप चुनाव के साथ ही सरकार और संगठन के आपसी समन्वय पर खास चर्चा हुई और यह कहा गया है कि पार्टी के सभी बड़े नेताओं की यह जिम्मेदारी है कि यदि कहीं पर आपसी मतभेद या मनभेद की स्थिति हो तो उसे आमने-सामने बैठकर समाधान कर लिया जाए। इससे पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल रायबरेली रोड स्थित प्रकृति सदन भी गए थे. जहां पर क्षेत्र प्रचारक अनिल कुमार के साथ बैठक करके सीएम आवास पर होने वाली बैठक के संबंध में चर्चा की।बैठक में दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के अलावा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी, महामंत्री संगठन धर्मपाल, क्षेत्र प्रचारक पूर्वी अनिल कुमार और क्षेत्र प्रचारक पश्चिमी महेन्द्र भी मौजूद रहे।

मतदाता सूची, संवाद व बूथ प्रबंधन पर फोकस
सूत्रों के मुताबिक बैठक में उप चुनाव की तैयारियों पर चर्चा हुई। खास तौर से बूथ प्रबंधन को और मजबूत करते हुए बूथवार छोटी-छोटी बैठकें करके जनता के बीच लगातार संवाद करने की रणनीति पर भी चर्चा हुई। कहा गया है कि विपक्ष द्वारा आरक्षण और संविधान को लेकर बनाए जा रहे नेरेटिव को खत्म करने के लिए लोगों के बीच सच्चाई रखने को कहा गया है। बैठक में यह भी तय किया गया है कि विपक्ष द्वारा फैलाए जा रहे पीडीए के भ्रमजाल को तोड़ने के लिए भी बूथवार हर समाज के लोगों को जोड़कर जनता के बीच सरकार और पार्टी के नजरिए को रखें। बैठक में यह भी तय किया गया है कि सदस्यता अभियान में पिछड़े और दलित समाज के लोगों को जोड़ा जाए।

निगम-बोर्डों में पुराने कार्यकर्ताओं को तरजीह
सूत्रों का कहना है कि बैठक में यह भी तय किया गया है कि इस बार विभिन्न निकायों और बोर्डों में रिक्त पदों पर समायोजन में पार्टी के कॉडर वाले व पुराने कार्यकर्ताओं को ही तरजीह दी जाएगी। पिछले दिनों जिलों और क्षेत्रीय संगठन से जो नाम भेजे गए हैं, उनमें से पार्टी के लिए वर्षों से जमीन पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को ही प्राथमिकता दिए जाने की बात हुई है। जो लोग दूसरे दलों से आएं हैं, उन्हे बाद में समायोजित किया जाएगा।

कार्यकर्ताओं के असंतोष पर भी हुई चर्चा
बैठक में माना गया है कि जमीनी कार्यकर्ताओं के बीच पनपे असंतोष और उपेक्षा के कारण भी लोकसभा चुनाव में भाजपा को नुकसान उठाना पड़ा है। इसलिए आगे से पुराने और कॉडर वाले कार्यकर्ताओं के सम्मान का ख्याल रखा जाए। उनकी उपेक्षा की शिकायतों को दूर किया जाए। नौकरशाही के मनमाने व्यवहार को लेकर भी बैठक में कहा गया कि जिला स्तर पर पार्टी पदाधिकारियों और जिला प्रशासन के अधिकारियों बीच बेहतर समन्वय से जनता के काम कराने की व्यवस्था को प्रभावी बनाया जाए।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com