विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में गुरुवार सुबह तीन बजे भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि गुरुवार पर बाबा महाकाल की भस्म आरती धूमधाम से की गई। इस दौरान बाबा महाकाल का दिव्य शृंगार भी किया गया।
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित आशीष शर्मा ने बताया कि भाद्रपद कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पर आज सुबह 3 बजे भगवान वीरभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। सबसे पहले भगवान का स्नान, पंचामृत अभिषेक करवाने के साथ ही केसर युक्त जल अर्पित किया गया।
इसके बाद बाबा महाकाल का वैष्णव तिलक लगाकर राजसी स्वरूप में शृंगार कर उन्हें नवीन मुकुट से शृंगारित किया गया और फिर महानिर्वाणी अखाड़े के द्वारा बाबा महाकाल को भस्म अर्पित की गई। आज सुबह श्रद्धालुओं ने नंदी हॉल और गणेश मंडपम से बाबा महाकाल की दिव्य भस्म आरती के दर्शन किए और बाबा महाकाल के निराकार के सरकार होने के स्वरूप का दर्शन कर जय श्री महाकाल का उद्घोष भी किया।
चार किलो चांदी का मुकुट दान किया
श्री महाकालेश्वर मंदिर में झारखंड के हज़ारी बाग से पधारे साहेब सोनी ने पुरोहित नवनीत शर्मा और रूपम शर्मा की प्रेरणा से भगवान श्री महाकालेश्वर जी को एक नग चांदी का मुकुट मय 2 नग नाग कुंडल सहित भेट किया, जिसका कुल वजन 4007 ग्राम है। इसके अतिरिक्त उत्तरप्रदेश के मेरठ के शमनीष विज द्वारा पुरोहित आदेश शर्मा की प्रेरणा से एक नग मुकुट दान में प्राप्त हुआ, जिसका वजन 488.000 ग्राम है।
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