विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस बुधवार को मनाया गया। इसके तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ‘विभाजन विभीषिका स्मृति मौन पदयात्रा’ निकली। मुख्यमंत्री ने सर्वप्रथम सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा पर पुष्पार्चन किया। इसके बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल के प्रतिमा स्थल से प्रारंभ होकर पदयात्रा लोकभवन तक पहुंची।
इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हाथ में तख्ती लेकर चल रहे थे। इसमें त्रासदी का दंश झेलने वालों की पीड़ा बयां थी। लोकभवन में पहुंचने के उपरांत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभाजन विभीषिका की त्रासदी पर आधारित अभिलेख प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
विभाजन विभीषिका स्मृति मौन पदयात्रा में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, महापौर सुषमा खर्कवाल, राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा, प्रदेश सरकार के मंत्री जयवीर सिंह, बलवीर सिंह औलख, विधायक योगेश शुक्ल, ओपी श्रीवास्तव, विधान परिषद सदस्य महेंद्र सिंह, रामचंद्र प्रधान, मुकेश शर्मा, अनूप गुप्ता, उमेश द्विवेदी, भाजपा महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी समेत अनेक जनप्रतिनिधि व गणमान्य मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और फिर मौन पदयात्रा पर निकले।
बता दें कि केंद्र में भाजपा की सत्ता आने के बाद से स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पूर्व विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया जाता है। इस दिन विभाजन की स्मृतियों को याद किया जाता है।
14 अगस्त की वह घड़ी… दिलों में आज भी बनाती है घाव की लड़ी… ये पंक्तियां विभाजन की यादों को ताजा करती हैं।
दिलों में आग थी, आंखों में पानी। भारत ने देखी थी ये दर्द भरी कहानी। इस तरह की लाइनें लिखी तख्ती लेकर सभी माननीय मौन पदयात्रा में शामिल हुए और शोक जताया।
इस मौके पर लोकभवन में प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसमें विभाजन की स्मृतियों को संजोया गया था।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर तिरंगे के साथ ली सेल्फी।
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