बांग्लादेश में भारतीय वीजा आवेदन केंद्र ने अपना परिचालन फिर से शुरू कर दिया है। हालांकि अभी इस केंद्र पर सीमित ही सुविधाएं शुरू की गई हैं। एक प्रेस विज्ञप्ति में, भारतीय वीजा आवेदन केंद्र (आईवीएसी) ने अपने ढाका केंद्र में सीमित परिचालन फिर से शुरू करने की घोषणा की। बता दें कि देश में सरकार विरोधी प्रदर्शन के बीच बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना ने देश छोड़ने के बाद इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद से देश में भड़की हिंसा के बाद राजनीतिक संकट भी व्याप्त हो गया था। हालांकि कुछ दिन पहले देश में अंतरिम सरकार का गठन होने बाद कार्यवाहक नेता के तौर पर मोहम्मद यूनुस ने सत्ता संभाली है।
भारतीय वीजा आवेदन केंद्र सीमित परिचालन शुरू
फिलहाल अभी देश में भारतीय वीजा आवेदन केंद्र (जेएफपी) ढाका ने सीमित परिचालन फिर से शुरू कर दिया है। इस कड़ी में पासपोर्ट के संग्रह के बारे में व्यक्तिगत आवेदकों को संदेश भेजे जाएंगे। वहीं भारतीय वीजा आवेदन केंद्र ने आवेदकों से अनुरोध किया कि वे अपने पासपोर्ट लेने के लिए एक टेक्स्ट संदेश प्राप्त करने के बाद ही केंद्र पर आएं। इस दौरान केंद्र ने सभी से अनुरोध किया है कि सीमित परिचालन के कारण, प्रक्रिया में अधिक समय लग सकता है।
राष्ट्रीय आपातकालीन हॉटलाइन सेवा भी बहाल
एक स्थानीय अखबार के अनुसार, मंगलवार से राष्ट्रीय आपातकालीन हॉटलाइन सेवा बहाल कर दी गई है। सोमवार से पुलिस अधिकारी तमाम पुलिस थानों पर लौट आए और यातायात पुलिस कर्मी भी काम पर लौटे हैं। जबकि प्राथमिक एवं जन शिक्षा मंत्रालय ने भी प्राथमिक विद्यालयों को एक महीने के बंद रहने के बाद कक्षाएं फिर से शुरू करने का निर्देश दिया है।
देश में फैली हिंसा में कुल 560 लोगों की मौत
5 अगस्त को शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद से देश भर में भड़की हिंसा की घटनाओं में बांग्लादेश में 230 से अधिक लोग मारे गए, जिससे जुलाई के मध्य में आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों के शुरू होने के बाद से मरने वालों की संख्या 560 हो गई। इसके बाद एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया और इसके मुख्य सलाहकार, 84 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने पिछले सप्ताह अपने 16 सदस्यीय सलाहकार परिषद के विभागों की घोषणा की।