Thursday , October 31 2024

सीएम धामी के निर्देश पर डीएम ने भवन कर की बढ़ोतरी वापस ली…

हल्द्वानी नगर निगम ने भवन कर बढ़ाने के दौरान मानक प्रक्रिया का पालन नहीं किया था। नगर निगम के अधिकारियों ने निगम की प्रशासक से भी अनुमति नहीं ली थी। मुख्यमंत्री ने डीएम/प्रशासक को मामले को दिखवाने के निर्देश दिए थे। नगर निगम की प्रशासक वंदना ने 15 प्रतिशत भवन कर की वृद्धि को वापस ले लिया है। अब यह प्रक्रिया दोबारा पारदर्शी रूप से पूरी की जाएगी। इससे 25 हजार लोगों को राहत मिली है।

बृहस्पतिवार को नगर निगम ने गुपचुप बढ़ा दिया 15 प्रतिशत भवन कर शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसमें बताया कि नगर निगम प्रत्येक चार साल बाद भवन कर बढ़ाता है। इसके लिए निगम पहले समाचार पत्रों में विज्ञापन देता है। इसके बाद लोगों से आपत्तियां मांगी जाती हैं। आपत्तियों के निस्तारण के बाद संपत्ति कर में बढ़ोतरी की जाती है। इसके बाद किस वार्ड में दर बढ़कर कितनी हो गई, इसका भी प्रकाशन किया जाता है।

नगर निगम का दावा है कि दो अखबारों में संपत्ति कर बढ़ाने का विज्ञापन दिया। कहा कि विज्ञापन के बाद भी एक आपत्ति निगम के पास नहीं पहुंची। इसलिए निगम ने पूर्व की भांति ही इस बार भी 15 प्रतिशत संपत्ति कर बढ़ा दिया। खबर प्रकाशित होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसका संज्ञान लिया। डीएम को निर्देश दिए कि इस मामले का दिखवाकर उचित कार्रवाई करें। डीएम/प्रशासक ने इसकी जांच कराई तो पता चला कि भवन कर बढ़ाने के लिए मानक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था। प्रशासक से भी 15 प्रतिशत भवन कर बढ़ाने का अनुमोदन नहीं लिया था। इस कारण डीएम/प्रशासक वंदना ने इसे निरस्त कर दिया है। अब ये प्रक्रिया दोबारा शुरू होगी।

मानक प्रक्रिया का पालन और विधिवत अनुमोदन न होने के कारण मुख्यमंत्री के निर्देश पर भवन कर की 15 प्रतिशत वृद्धि को स्थगित करने का आदेश दिया गया है। भविष्य में पारदर्शी रूप से समस्त प्रक्रिया पूर्ण कर अग्रिम निर्णय लिया जाएगा।
-वंदना, डीएम/प्रशासक

नगर निगम एक्ट के अनुसार चार साल में संपत्ति कर का पुन: निर्धारण किया जाता है। बोर्ड होने पर इसका अनुमोदन बोर्ड से लिया जाता है। बोर्ड भंग होने की दशा में इसका अनुमोदन प्रशासक से लिया जाना चाहिए था।
-जोगेंद्र रौतेला, निवर्तमान मेयर

भवन कर बढ़ाने की प्रक्रिया का निष्पक्ष पालन किया जाना चाहिए था जो नहीं किया गया। हमें तक नहीं मालूम था कि भवन कर बढ़ा दिया गया है। मुख्यमंत्री का फैसला सराहनीय है।
-राजेंद्र जीना निवर्तमान पार्षद

भवन कर बढ़ने की सूचना मुझे अखबार से पता चली। जनता को पता ही नहीं चला कि कब नगर निगम ने भवन कर बढ़ा दिया। प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए था। मुख्यमंत्री ने इसका संज्ञान लिया, यह राहतभरी खबर है।
-दीपा बिष्ट, निवर्तमान पार्षद

भवन कर बढ़ाने की सूचना लोगों को दी जानी चाहिए थी। सूचना होती तो हम भी आपत्ति लगाते। हमें अखबार से पता चला कि भवन कर बढ़ गया है। प्रशासक की ओर से 15 प्रतिशत भवन कर की बढ़ोतरी को वापस लेना अच्छा कदम है।

-दीवान सिंह, कैप्टन रिटायर्ड

महंगाई वैसे ही बढ़ रही है। बिजली-पानी की दरें बढ़ने से आम लोगों का जीवन-यापन मुश्किल हो रहा है। ऐसे में भवन कर बढ़ता तो कमर ही टूट जाती। मुख्यमंत्री का फैसला आम जनता के लिए राहत देने वाला है।
-पल्लवी बिष्ट, पांडे निवास

समाचार पत्र में खबर पढ़ने के बाद पता चला कि नगर निगम ने भवन कर 15 प्रतिशत बढ़ा दिया है। इसमें प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया। अब बढ़ा हुआ भवन कर वापस लेना अच्छी खबर है।
-विनीता शर्मा, समता आश्रम गली

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com