उत्तराखंड के प्रसिद्ध कैंची धाम में श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए सरकार ने ऑनलाइन पंजीकरण करने का निर्णय लिया है। अब बिना पंजीकरण के श्रद्धालु बाबा नीम करौली के दर्शन नहीं कर पाएंगे। मुख्यमंत्री धामी ने शनिवार को हल्द्वानी के एफटीआई सभागार मानसखंड मन्दिर माला के तहत कैंची धाम में आयोजित होने वाले मेले की तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान उच्च अधिकारियों की ओर से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और यातायात की समस्या का मुद्दा उठाया गया।
अब बिना पंजीकरण के श्रद्धालु नहीं जा पाएंगे कैंची धाम
इसके बाद मुख्यमंत्री ने नैनीताल की जिलाधिकारी को कैंची धाम आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन पंजीकरण के निर्देश दिए। इससे साफ है कि अब बिना पंजीकरण के श्रद्धालु कैंची धाम नहीं जा पाएंगे। उन्होंने यात्रा प्राधिकरण बनाए जाने की भी बात कही। कहा कि सरकार का उद्देश्य पर्यटकों और श्रद्धालुओं को अधिकतम सुविधाएं प्रदान करना है। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को यात्रा मार्ग में बनाई जाने वाली आधार भूत संरचनाओं और सुविधाओं के प्रस्ताव भी शासन को भेजने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को पांच करोड़ से अधिक लागत की विकास योजनाओं के भौतिक सत्यापन हेतु स्थलीय निरीक्षण के निर्देश भी दिए। साथ ही कुमाऊं आयुक्त को योजनाओं की निगरानी और लापरवाही पाए जाने पर सम्बंधित के विरुद्ध कारवाई की संस्तुति के निर्देश भी दिए।
“ईमानदारी और निष्ठा से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें अधिकारी”
मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं में हीलाहवाली और लीपापोती किसी भी कीमत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन ईमानदारी और निष्ठा से करें। मुख्यमंत्री ने ऊर्जा और पेयजल संकट से निपटने के लिए दीर्घकालिक योजना तैयार करने के निर्देश दिए तथा स्वीकृत किए गए नए बिजली घरों पर कार्य शीघ्र आरंभ करने को कहा। इसके बाद मुख्यमंत्री हल्द्वानी नगर निगम के पास नहर कवरिंग कार्य और शीशमहल फिल्टर प्लांट का भी किया निरीक्षण किया।
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