भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी एनुअल रिपोर्ट (RBI Annual Report 2023-2024) में बैंकिंग फ्रॉड को लेकर जानकारी दी। आरबीआई ने बताया कि पिछले कारोबारी साल में बैंकिंग सेक्टर में हो रहे फ्रॉड में कमी देखी गई है। बैंकिंग सेक्टर में हो रही धोखाधड़ी की संख्या साल-दर-साल 2023-24 में 36,075 हो गई। इस फ्रॉड में शामिल राशि भी 46.7 प्रतिशत कम होकर 13,930 करोड़ रुपये हो गई।
आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार बैंकिंग सेक्टर की धोथाधड़ी पर अंकुश लगाने और डिजिटल पेमेंट के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए नए अधिनियमित ‘डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट, 2023’ का अनुपालन करना शुरू किया है। इसमें फंड ट्रांसफर और भुगतानकर्ता की डिटेल्स को वेरीफाई किया जाएगा।
वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान फ्रॉड में शामिल राशि 13,930 करोड़ रुपये थी। यह एक साल पहले 26,127 करोड़ रुपये थी। ऐसे में वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान धोखाधड़ी की संख्या पिछले वित्तीय वर्ष में 13,564 से बढ़कर 36,075 हो गई।
कारोबारी साल 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट में आरबीआई ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में Bank Group-Wise Fraud के मामलों से संकेत मिलता है कि सबसे ज्यादा फ्रॉड प्राइवेट बैंकों में हुआ है। वहीं पब्लिक सेक्टर के बैंक में कम फ्रॉड हुआ है, लेकिन अगर राशि की बात करें तो सबसे ज्यादा फ्रॉड पब्लिक सेक्टर में हुआ है।
किस कैटेगिरी में हो रहा है ज्यादा फ्रॉड
अगर कैटेगिरी की बात करें तो मुख्य तौर पर सबसे ज्यादा फ्रॉड डिजिटल पेमेंट यानी कार्ड या इंटरनेट के जरिये हुआ है। वहीं वैल्यू की श्रेणी में सबसे ज्यादा फ्रॉड लोन पोर्टफोलियो (Loan Portfolio) में हुआ है।
बैंक ने बताया कि वित्त वर्ष 2022-23 और कारोबारी साल 2023-24 के दौरान रिपोर्ट की गई धोखाधड़ी की घटनाओं का विश्लेषण धोखाधड़ी की घटना की तारीख और उसका पता लगाने के बीच एक महत्वपूर्ण समय-अंतराल दिखाता है।
वहीं, पिछले वित्तीय वर्षों में हुई धोखाधड़ी में शामिल राशि मूल्य के संदर्भ में 2022-23 में रिपोर्ट की गई धोखाधड़ी का 94 प्रतिशत है।
पिछले वित्तीय वर्षों में मूल्य के हिसाब से 2023-24 में रिपोर्ट की गई 89.2 प्रतिशत धोखाधड़ी हुई।
GDS Times | Hindi News Latest News & information Portal