खाद्य नियामक भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने मंगलवार को कहा कि मान्यता प्राप्त लैबों में परीक्षण किए गए दो प्रमुख ब्रांडों एमडीएच (MDH) और एवरेस्ट (Everest) के मसालों के 28 सैंपलों में एथिलीन आक्साइड (ETO) की मौजूदगी नहीं मिली है।
अभी मसालों को लेकर छह अन्य की रिपोर्ट आना बाकी हैं। पिछले दिनों हांगकांग और सिंगापुर द्वारा इन लोकप्रिय मसाला ब्रांडों पर सवाल उठाए जाने और इन मसालों में एथिलीन आक्साइड होने की बात कहते हुए प्रतिबंध लगाए जाने के बाद एफएसएसएआई ने देशभर से एमडीएच और एवरेस्ट सहित सभी ब्रांडों के मसालों के नमूने लेना शुरू कर किया था।
एफएसएसएआई ने बताया कि एवरेस्ट मसाले की दो निर्माण यूनिटों से नौ जबकि एमडीएच की 11 मैन्युफैक्चरिंग यूनिटों से 25 सैंपल लिए गए थे। कुल लिए गए 34 सैंपल में से 28 की रिपोर्ट आ गई है। हांगकांग के खाद्य सुरक्षा केंद्र (CFS) ने उपभोक्ताओं को अनुमति से अधिक एथिलीन आक्साइड की उपस्थिति का हवाला देते हुए एमडीएच और एवरेस्ट के कुछ मसाले नहीं खरीदने के लिए कहा था।
इन मसालों को किया गया बैन
इन मसालों में एमडीएच का मद्रास करी पाउडर, एवरेस्ट फिश करी मसाला, एमडीएच सांभर मसाला मिश्रित मसाला पाउडर, एमडीएच करी पाउडर मिश्रित मसाला पाउडर आदि शामिल थे। सूत्रों के मुताबिक, 22 अप्रैल को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों और एफएसएसएआई के क्षेत्रीय निदेशकों के माध्यम से देशभर में सैंपल लेने का अभियान शुरू किया गया था।
अब तक प्राप्त प्रयोगशाला रिपोर्टों की एफएसएसएआई के वैज्ञानिक पैनल ने जांच की और पाया कि नमूनों में एथिलीन आक्साइड की मौजूदगी नहीं मिली। यहां बता दें कि हांगकांग और सिंगापुर के अलावा नेपाल सहित कुछ अन्य देशों ने भी भारतीय मसालों का इस्तेमाल करना बंद कर दिया था।
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