पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा बाजार में उथल-पुथल चल रही है लेकिन इसका असर भारती में पेट्रोलियम प्रोडक्ट पर नहीं पड़ा है।
वर्तमान में भी पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में कटौती हुई है। बुधवार को हरदीप सिंह पुरी भारत कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आई है। पाकिस्तान, श्रीलंका और यहां तक कि उन्नत देशों में भी कीमतें बढ़ी हैं।
इसके अलावा भारत ने कच्चे तेल के सोर्स में विविधता लाई है। अब देश वैकल्पिक ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ा रहा है। अन्वेषण और उत्पादन में वृद्धि के अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलाव किया है।
हालांकि, पेट्रोलियम प्रोडक्ट में हुई कटौती से सरकार को 2.2 लाख करोड़ रुपये का राजस्व गंवाना पड़ा है। पिछले महीने तेल पीएसयू ने निफ्टी इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया है।
वह कहते हैं कि वैसे तो वैश्विक उथल-पुथल के समय, कीमतें बढ़नी चाहिए थीं। लेकिन यह वास्तव में कम हो गई हैं। भारत उन स्रोतों से कच्चे तेल का आयात जारी रखेगा जो सस्ते हैं क्योंकि 85 प्रतिशत पेट्रो उत्पाद आयात किये जाते हैं।
भारत अब बढ़ती जीडीपी, गिरती मुद्रास्फीति और स्थिर चालू खाता घाटे के साथ एक नाजुक अर्थव्यवस्था से उभरकर सामने आया है। मौजूदा सरकार के तीसरे कार्यकाल में देश जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा।
सरकार ऊर्जा उत्पादों की चोरी और बर्बादी को कम करने में सक्षम है। इसके अलावा उन्होंने पेट्रो उत्पादों की कीमत में कटौती के बारे में कहा कि यह तब किया गया है जब देश में कोई चुनाव नहीं थे।
हमारी कीमतों में कटौती चुनावों के आधार पर तय नहीं की जाती है। जब नवंबर 2021 और मई 2022 में कटौती की गई थी, तब कोई चुनाव नहीं थे।
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